Skip to main content

7.5.2 कक्षा- सप्तमी, विषय:- संस्कृतम् पञ्चम: पाठ: (पण्डिता रमाबाई ) Class- 7th, Subject- Sanskrit, Lesson- 5 (Pandita Ramabaai)

        7.5.2 कक्षा- सप्तमी,  विषय:- संस्कृतम्
            पञ्चम: पाठ:  (पण्डिता रमाबाई )
     Class- 7th,  Subject - Sanskrit,  Lesson-5
                 (Pandita Ramabaai)
       ************************************
नमो नमः। 
सप्तमीकक्ष्यायाः रुचिरा भाग-2 इति पाठ्यपुस्तकस्य शिक्षणे स्वागतम्। 
अद्य वयं पञ्चम-पाठस्य अभ्यासकार्यं कुर्म: ।  
पाठस्य नाम अस्ति -   
                          पण्डिता रमाबाई । 
अहं डॉ. विपिन:। 
       ************************************  
                          पण्डिता रमाबाई
                     अभ्यासः (Exercise)
प्रश्नः 1.
 एकपदेन उत्तरत-
(क) ‘पण्डिता’ ‘सरस्वती’ इति उपाधिभ्यां का विभूषिता?
उत्तरम् -   रमाबाई। 

(ख) रमा कुतः संस्कृतशिक्षां प्राप्तवती?
उत्तरम् -  स्वमातुः।

(ग) रमाबाई केन सह विवाहम् अकरोत्?
उत्तरम् - विपिनबिहारीदासेन।

(घ) कासां शिक्षायै रमाबाई स्वकीयं जीवनम् अर्पितवती?
उत्तरम् - नारीणाम्।

(घ) रमाबाई उच्चशिक्षार्थं कुत्र  अगच्छत्?
उत्तरम् -  इंग्लैण्डदेशम्। 

प्रश्नः 2.
 रेखांकितपदानि आधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत- 
(क) रमायाः पिता समाजस्य प्रतारणाम् असहत।
उत्तरम् - कस्याः पिता समाजस्य प्रतारणाम् असहत?
     (स्त्री- षष्टि- एकवचनम्) 

(ख) पत्युः मरणानन्तरं रमाबाई महाराष्ट्रं प्रत्यागच्छत्।
उत्तरम् - कस्य मरणानन्तरं रमाबाई महाराष्ट्रं प्रत्यागच्छत्?

(ग) रमाबाई मुम्बईनगरे ‘शारदा-सदनम्’ अस्थापयत्।
उत्तरम् - रमाबाई कुत्र ‘शारदा-सदनम्’ अस्थापयत्?

(घ) 1922 तमे ख्रिष्टाब्दे रमाबाई-महोदयायाः निधनम् अभवत्?
उत्तरम् - 1922 तमे ख्रिष्टाब्दे कस्याः निधनम् अभवत्।

(घ) स्त्रियः शिक्षां लभन्ते स्म।
उत्तरम् - काः शिक्षां लभन्ते स्म?

प्रश्नः 3- 
प्रश्नानामुत्तराणि लिखत-
(क) रमाबाई किमर्थम् आन्दोलनं प्रारब्धवती?
उत्तरम् - रमाबाई स्त्रीणां कृते वेदादीनां शास्त्राणां शिक्षायै आन्दोलनं प्रारब्धवती।

(ख) निःसहायाः स्त्रियः आश्रमे किं किं लभन्ते स्म?
उत्तरम् - निःसहायाः स्त्रियः आश्रमे मुद्रण-टंकण-काष्ठकलादीनां च लभन्ते स्म।

(ग) कस्मिन् विषये रमाबाई-महोदयायाः योगदानम् अस्ति?
उत्तरम् - समाजसेवायाः अतिरिक्तं लेखनक्षेत्रे अपि रमाबाई-महोदयायाः योगदानम् अस्ति।

(घ) केन रचनाद्वयेन रमाबाई प्रशंसिता वर्तते?
उत्तरम् - ‘स्त्रीधर्मनीति’, ‘हाई कास्ट हिन्दू विमेन’ इति रचनाद्वयेन रमाबाई प्रशंसिता वर्तते।

प्रश्नः 4- 
अधोलिखितानां पदानां निर्देशानुसारं पदपरिचय लिखत- 
       पदानि मूलशब्दः लिङ्गम् विभक्ति: वचनम्
यथा- वेदानाम् वेद पुल्लिंगम् षष्ठी बहुवचनम्

क) पिता             पितृ,        पुल्लिंगम्,        प्रथमा,         एकवचनम्
ख) शिक्षायै            शिक्षा,      स्त्रीलिंगम्,       चतुर्थी,        एकवचनम्
ग) कन्याः      कन्या,      स्त्रीलिंगम्,       प्रथमा,        बहुवचनम्
घ) नारीणाम्          नारी,        स्त्रीलिंगम्,       षष्ठी,           बहुवचनम्
ङ) मनोरमया       मनोरमा,    स्त्रीलिंगम्,       तृतीया,       एकवचनम्

प्रश्नः 5- 
अधोलिखितानां धातूनां लकारं पुरुषं वचनं च लिखत- 
धातुः    लकारः पुरुषः वचनम्
यथा- आसीत् अस्,     लङ्,  प्रथमपुरुषः,  एकवचनम् 
   क) कुर्वन्ति       कृ,      लट्,       प्रथमपुरुषः,  बहुवचनम्
   ख) आगच्छत्   आ+गम्,  लङ्      प्रथमपुरुषः  एकवचनम्
   ग) निवसन्ति  नि उपसर्ग वस्, लट्, प्रथमपुरुषः, बहुवचनम्
   घ) गमिष्यति    गम्,       लृट,       प्रथमपुरुषः,  एकवचनम्
   ङ) अकरोत्      कृ,        लङ्,       प्रथमपुरुषः,  एकवचनम्

प्रश्नः6- 
अधोलिखितानि वाक्यानि घटनाक्रमानुसारं लिखत- 
1- (ख)1858 तमे ख्रिष्टाब्दे रमाबाई जन्म अलभत।
2- (च) सा स्वमातुः संस्कृतशिक्षां प्राप्तवती।
3- (क) रमाबाई-महोदयायाः विपिनबिहारीदासेन सह विवाहः अभवत्।
4- (ग) सा उच्चाशिक्षार्थम् इंग्लैण्डदेशं गतवती।
5- (घ) सा मुम्बईनगरे शारदा-सदनम् अस्थापयत्।
6- (ङ) 1922 तमे ख्रिष्टाब्दे रमाबाई-महोदयायाः निधनम् अभवत्।


 

Comments

Popular posts from this blog

छात्र-प्रतिज्ञा (संस्कृत) Student's Pledge (Sanskrit)

छात्र-प्रतिज्ञा (संस्कृत)  Student's Pledge (Sanskrit) भारतं अस्माकं देशः।  वयं सर्वे भारतीया:  परस्परं भ्रातरो भगिन्यश्च ।  अस्माकं देशः प्राणेभ्योsपि प्रियतर: ।  अस्य समृद्धौ विविध-संस्कृतौ च वयं गौरवम् अनुभवाम:।  वयं अस्य सुयोग्याः अधिकारिणो भवितुं सदा प्रयत्नं करिष्याम:।   वयं स्वमातापित्रो: शिक्षकाणां गुरुजनानां च सदैव सम्मानं करिष्याम:।  सर्वैः च सह शिष्टतया व्यवहारं करिष्याम:।  वयं स्वदेशं देशवासिनश्च प्रति विश्वासभाज: भवेम।  (वयं स्वदेशं  देशवासिनश्च प्रति कृतज्ञतया वर्तितुं प्रतिज्ञां कुर्म:।)  तेषां कल्याणे समृद्धौ च अस्माकं  सुखं निहितम् अस्ति। जयतु भारतम्। ------------------------------------------------------------  "भारत हमारा देश है!  हम सब भारतवासी भाई- बहन है!  हमें अपना देश प्राण से भी प्यारा है!  इसकी समृद्धि और विविध संस्कृति पर हमें गर्व है!  हम इसके सुयोग्य अधिकारी बनने का प्रयत्न सदा करते रहेंगे!  हम अपने माता पिता, शिक्षकों और गुरुजनों का सदा आदर करेंगे और  सबके साथ शिष्टता का व्यवहार करेंगे!  हम अपने देश और देशवासियों के प्रति वफादार रहने की प्रतिज्ञ

संस्कृत-वाक्य-रचना (Sanskrit Vakya Rachna)

संस्कृत-वाक्य-रचना (Sanskrit Vakya Rachna)  This Table can be useful to teach Students, How to make/Translate Sentences in Sanskrit..  (click to Zoom)                       1.   प्रथम पुरुष   1.1 पुल्लिंग-   बालक जा रहा है।   (वर्तमान-काल) बालकः गच्छति।  बालक पढ़ता है। बालक: पठति।  दो बालक पढ़ते हैं। (द्विवचन)  बालकौ  पठत:।  सभी बालक पढ़ते हैं। (बहुवचन)  बालका: पठन्ति।  बालक पढ़ेगा। (भविष्य-काल) बालक: पठिष्यति।  ("लट् लकार" में " ष्य " जोड़ने पर "लृट् लकार" का रूप बनता है यथा- पठति+ ष्य=  पठिष्यति) बालक गया। (भूत-काल) बालकः गच्छति स्म।   स्म " का प्रयोग किया  बालकः अगच्छत्।   लंङ् लकार (भूतकाल के लिए "लंङ् लकार" के स्थान पर  " लट्  लकार" में " स्म " का प्रयोग किया जा सकता है।)  बालक ने पढ़ा। बालकः पठति स्म।  (भूतकाल के लिए "लंङ् लकार" के स्थान पर  " लट् लकार" में " स्म " का प्रयोग किया जा सकता है।)  सभी बालकों ने पढ़ा। बालकाः पठन्ति स्म।    वह पढ़ता है। सः पठति। कौन पढ़ता है। कः पठति।  आप पढ़ते

पिपासितः काकः (Thirsty Crow) Sanskrit Story

    पिपासितः  काकः (Thirsty Crow)  Sanskrit Story           एकदा एकः काकः  पिपासितः  आसीत्।  सः जलं पातुम्  इतस्ततः  अभ्रमत्। परं  कुत्रापि  जलं न प्राप्नोत्।  अन्ते सः एकं घटम् अपश्यत्।  घटे  स्वल्पम्  जलम् आसीत्।  अतः सः जलम्  पातुम्  असमर्थः अभवत्।  सः एकम्  उपायम्  अचिन्तयत्।  सः  पाषाणस्य  खण्डानि घटे अक्षिपत्। एवं क्रमेण घटस्य जलम्  उपरि  आगच्छत्।  काकः जलं पीत्वा  संतुष्टः  अभवत्।  परिश्रमेण एव  कार्याणि  सिध्यन्ति न तु मनोरथैः।