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छात्र-प्रतिज्ञा (संस्कृत) Student's Pledge (Sanskrit)

छात्र-प्रतिज्ञा (संस्कृत)
 Student's Pledge (Sanskrit)

भारतं अस्माकं देशः। 
वयं सर्वे भारतीया:  परस्परं भ्रातरो भगिन्यश्च । 
अस्माकं देशः प्राणेभ्योsपि प्रियतर: । 
अस्य समृद्धौ विविध-संस्कृतौ च वयं गौरवम् अनुभवाम:।
 वयं अस्य सुयोग्याः अधिकारिणो भवितुं सदा प्रयत्नं करिष्याम:।  
वयं स्वमातापित्रो: शिक्षकाणां गुरुजनानां च सदैव सम्मानं करिष्याम:। 
सर्वैः च सह शिष्टतया व्यवहारं करिष्याम:। 
वयं स्वदेशं देशवासिनश्च प्रति विश्वासभाज: भवेम। 
(वयं स्वदेशं  देशवासिनश्च प्रति कृतज्ञतया वर्तितुं प्रतिज्ञां कुर्म:।) 

तेषां कल्याणे समृद्धौ च अस्माकं  सुखं निहितम् अस्ति।

जयतु भारतम्।


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"भारत हमारा देश है! 

हम सब भारतवासी भाई- बहन है!

 हमें अपना देश प्राण से भी प्यारा है!

 इसकी समृद्धि और विविध संस्कृति पर हमें गर्व है!

 हम इसके सुयोग्य अधिकारी बनने का प्रयत्न सदा करते रहेंगे! 

हम अपने माता पिता, शिक्षकों और गुरुजनों का सदा आदर करेंगे और 

सबके साथ शिष्टता का व्यवहार करेंगे!

 हम अपने देश और देशवासियों के प्रति वफादार रहने की प्रतिज्ञा करते हैं! 

उनके कल्याण और समृद्धि में ही हमारा सुख निहित है !

 -जय हिन्द"



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India is my country and

all Indians are my brothers and sisters.

I love my country and

I am proud of its rich and varied heritage.

I shall always strive to be worthy of it.

I shall give respect to my parents, teachers, class-mates and elders and treat every one with courtesy.

To my country and my people, I pledge my devotion.

In their well-being and prosperity alone, lies my happiness.


-Jai Hind."




KVS Education Code Page 105 








Comments

  1. This comment has been removed by a blog administrator.

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  2. उत्तमः अनुकरणीयश्च प्रयासः ।।। मित्र !

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