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6 Deepakam TLO

  लक्षित-अधिगम-बिन्दवः  (Targated Learning Outcomes- TLO) संस्कृतम्/ Sanskrit    कक्षा Class VI दीपकम्  6.1 वयं वर्णमालां पठामः  लक्षित-अधिगम-बिन्दवः (TLOs) -    1. तद्-एतद्-किम्-शब्दानां ज्ञानं प्रयोगः च पुंलिङ्गे प्रथमा-विभक्तौ।   3. चित्रं दृष्ट्वा "अकारान्त-पुल्लिंग" शब्दज्ञानम्।   4. कर्तृ-पदानां (संज्ञा-सर्वनाम) क्रिया-पदानां च ज्ञानम्।   5. संस्कृत-पदानां वर्ण-विच्छेदः, वर्णानां संयोजनम्। 6. नूतन-पदानां पठनम्, तेषां स्पष्टरूपेण उच्चारणम्। 2. एषः क: ? एषा का ? एतत् किम्?  3. अहं च त्वं च   4. अहं प्रातः उत्तिष्ठामि  5. शूराः वयं धीरा: वयम 6. सः एव महान् चित्रकारः  7.अतिथिदेवो भव  8. बुद्धि: सर्वार्थसाधिका  9. यो जानाति सः पण्डितः 10. त्वम् आपणं गच्छ  11. पृथिव्यां त्रीणि रत्नानि  12. आलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः 13. सड्ख्यागणना ननु सरला 14. माधवस्य प्रियम् अङ्गम् 15. वृक्षाः सत्पुरुषा: इव

6.2.2 कक्षा VI संस्कृत, द्वितीयः पाठ: एषः कः? एषा का? एतत् किम् ?

6.2.2 कक्षा - VI L - 2,  संस्कृत    द्वितीय: पाठ:  एषः कः? एषा का? एतत् किम् ? वयम् अभ्यासं कुर्म:    1. उदाहरणं दृष्ट्वा रिक्तस्थानानि पूरयन्तु  यथा-  बालकः बालकौ बालकाः  (अः , औ, आः) एकवचनम् /  द्विवचनम् /  बहु वचनम् (क) चषकः  चषकौ चषकाः  (ख देवः   देवौ   देवाः   (ग) सैनिकः  सैनिकौ  सैनिकाः    (घ) रजकः  रजकौ रजकाः  (ङ) तन्त्रज्ञः तन्त्रज्ञौ  तन्त्रज्ञाः   2. उदाहरणानुसारं पट्टिकातः पदानि चित्वा रिक्तस्थानेषु संयोजयन्तु।   यथा-  सः शुक:  ।   क)  सः .................      .................   ................. ख) सा .................      ................  ................. ग) तत् .................     ................  ................. [शुकः,  स्यूतः,   अजा,  फलम्,  पुष्पम्,   महिषी,    वृक्षः,   कुक्कुरः ,   पार्वती,  पुस्तकम्] उत्तर -  क) सः -  स्यूतः,  वृक्षः,  कुक्कुरः  ख) सा -   अजा, महिषी,  पार्वती  ग) तत् -   फलम् , पुष्पम्, पुस्तकम्  3. चित्राणि दृष्ट्वा संस्कृतपदानि लिखन्तु।  (क) पुस्तकम्  (ग) सैनिक:  (ख) बालकौ (घ) वातायनम्  (ङ) गायिका  (च) त्रिशूलम्  4.  उदाहरणानुसारम् पट्ट

6.1.2 वयं वर्णमालां पठामः

 6.1.2 N वयं वर्णमालां पठामः पृष्ठ 13 वर्ण-संयोग: यथा   दाशरथिः 1.   हिमालयः 2. कृष्णः  प्रश्न 1    1. गणेशः,  2. शुकः, 3.  रामः, 4.  हरिणः, 5. यज्ञः  6. नासिका,  7. मानचित्र,  8. ढक्का, 9. चमसः,  10. पादः  प्रश्न 2.  पङ्कजम् 1. शुकः 2. दन्ताः 3. त्रिशूलम् 4. ढक्का 5. चन्द्रः 6. वृक्षः 7.चञ्चुः 8. अष्ट 9. शङ्खः

Bridge course शब्दकोषः/ Sanskrit Dictionary

  शब्दकोषः /  Sanskrit Dictionary  12. सहायकानां नामनि  1.उद्यानपालकः -  माली  2.वैद्यः  -              चिकित्सक  3.अनुवैद्यः  -          परिचारक / नर्स 4.चालकः -             चालक   5.न्यायाधीश -          न्यायाधीश 6.पत्रवितरकः -         डाकिया  7.अध्यापकः -          अध्यापक 8.अध्यापिका -         अध्यापिका    9.कृषकः  -              किसान 10.आरक्षकः -           रक्षक/ पुलिस /सैनिक     13 गृहवस्तूनि / घर की वस्तुएं  चमसः -  चम्मच  जलकूपी - बोतल  सुधाखण्डः - चॉक  अग्निपेटिका - माचिस की डब्बी  घटी - घड़ी घटः - मटका  छत्रम् - छाता  पीठम् - मेज  तालः - ताला स्थाली - थाली                 वस्तुपरिचयः   दर्पणः -  शीशा  कङ्कतम्-   कंघी  सूचिका -  सूचक pointer  मापिका- पैमाना scale लेखनी- कलम पेन  स्यूतः-  थैला  पुस्तकम्-  पुस्तक  आसन्दः-  कुर्सी /आसन   चित्र बनाएं / चिपकाएं  19 सः एषः कः ‌‍‍? 20 सा एषा का ‌‍‍? 21 तत् एतत् किम्  ‌‍‍?                   पुलिंग /  स्त्रीलिंग/  नपुंसकलिंग दूर -    एषः (वह) / एषा / एतत्   समीप- सः (यह)/  सा /    तत्   प्रश्न-    कः (क्या)/ का/  किम्  

भवतु भारतम् - संस्कृत गीत Bhavtu Bhartam - Sanskrit Song

  भवतु भारतम् - संस्कृत गीत  Bhavtu Bhartam - Sanskrit Song    शक्तिसम्भृतम् युक्तिसम्भृतम् I  शक्ति-युक्तिसम्भृतम् भवतु भारतम् I  शस्त्रधारकं शास्त्रधारकम् ।  शस्त्र-शास्त्रधारकम् भवतु भारतम् ll  रीतिसंस्कृतं नीतिसंस्कृतम्।  रीति-नीतिसंस्कृतम् भवतु भारतम् ।। कर्मनैष्ठिकं धर्मनैष्ठिकम् । कर्म-धर्मनैष्ठिकं भवतु भारतम् I  भक्तिसाधकं मुक्तिसाधकम्।  भक्ति-मुक्तिसाधकं भवतु भारतम् ll  YouTube Video Link 

शिक्षक-प्रतिज्ञा / Teacher Pledge

  शिक्षक-प्रतिज्ञा  / Teacher Pledge  भारतम् अस्माकं देश:अस्ति। शिक्षकाः राष्ट्रस्य निर्मातार:। वयं स्वदायित्वानां निष्ठापूर्वकं पालनं करिष्यामः। छात्राणां सर्वांगीणविकासे सृजने च वयं पाथेयत्वेन भविष्यामः। वयं स्वराष्ट्रभाषाया: गौरवाय प्रचार-प्रसाराय च सदैव प्रयत्नशीला: भविष्यामः। वयं शिक्षकधर्मस्य दायित्वानां च तन-मन-धनैश्च पालनाय प्रतिज्ञां कुर्मः।  जयतु भारतम्। शिक्षक प्रतिज्ञा (हिंदी) भारत हमारा देश है।शिक्षक राष्ट्र के निर्माता हैं। हम अपने दायित्वों का निष्ठा पूर्वक पालन करेंगे। विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास और सृजन में हम पाथेय बनेंगे।हम अपनी राष्ट्रभाषा के गौरव और प्रचार-प्रसार के लिए सदैव प्रयत्नशील रहेंगे। हम शिक्षक-धर्म और दायित्वों का तन-मन-धन से पालन करने की प्रतिज्ञा लेते हैं।            जय हिंद।

श्रीमद्भगवद् गीता

  श्रीमद्भगवद् गीता-ग्रंथात्  श्रेष्ठ-श्लोकाः/ श्रीमद्भगवद् गीता के श्रेष्ठ श्लोक/   Best selected Shaloks from  Shrimad Bhagvad Geeta     ----------------------------------------- ॐ श्रीपरमात्मने नमः  अ थ श्रीमद्भगवद् गीता श्रीभगवान् उवाच  1. कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।  मा कर्मफलहेतुर्भूर्- मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि॥ (२-४७) (द्वितीय अध्याय, श्लोक 47) श्रीभगवान् बोले- अर्थ:  तेरा  कर्म करनेमें ही अधिकार है, उसके फलोंमें कभी नहीं इसलिये तू कर्मोंके फलका हेतु मत हो - तथा तेरी कर्म न करनेमें भी आसक्ति न हो । अर्जुन उवाच  2. स्थितप्रज्ञस्य का भाषा समाधिस्थस्य केशव। स्थितधी: किं प्रभाषेत किमासीत व्रजेत किम्।। २-५४ अर्जुन बोले-  हे केशव! समाधिमें स्थित परमात्माको प्राप्त हुए स्थिरबुद्ध पुरुषका क्या लक्षण है? वह स्थिरबुद्ध पुरुष कैसे बोलता है कैसे बैठता है और कैसे चलता है ?  श्रीभगवानुवाच  3. प्रजहाति यदा कामान् सर्वान्पार्थ मनोगतान्।  आत्मन्येवात्मना तुष्टः स्थितप्रज्ञस्तदोच्यते ।। २-५५ श्रीभगवान् बोले- हे अर्जुन! जिस कालमें यह पुरुष मनमें स्थित सम्पूर्ण कामनाओंको भलीभाँति त्याग देता