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Showing posts from August, 2021

संस्कृत प्रश्नोत्तरी पाठ्यक्रम- (SANSKRIT Quiz Competition Syllabus)

संस्कृत प्रश्नोत्तरी पाठ्यक्रम- (SANSKRIT Quiz Competition Syllabus)  कक्षा 6-8  प्रश्नोत्तरी में कुल 3 भाग रहेंगे- (1)  संस्कृत वांगमय /साहित्य (5 प्रश्न)- (2) व्याकरण (7 प्रश्न)- (3) संस्कृत पाठ्यपुस्तक  तथा सामान्य  ज्ञान (3 प्रश्न) कुल=15 प्रश्न  (1)  संस्कृत साहित्य (5 प्रश्न)-  1- वेद, रामायण, महाभारत, गीता (2 प्रश्न) 2- प्रमुख सरकारी संथाओं के ध्येय वाक्य (Moto) (1 प्रश्न) 3- प्रमुख कवि तथा उनकी रचनाएँ (2 प्रश्न) (2) व्याकरण (7 प्रश्न)-   1. संस्कृत भाषा तथा वर्ण विचार (कक्षा-7) 2. उच्चारण स्थान (कक्षा-7)  2. संधि विच्छेद  (कक्षा-8)  3. उपपद विभक्ति (कक्षा-7)  4. शब्द रूप - बालक, बालिका, मति, नदी, भानु, (कक्षा 6)  मातृ,  तत् ,  किम् (कक्षा-7)  अस्मद, युष्मद  (कक्षा-8)  5. धातु रूप - पठ् (कक्षा-6), कृ (कक्षा-7),  6. संख्या वाचक शब्द - (कक्षा-7)      1-4 त्रिषु लिंगेषु,       1 से 100, सहस्र, लक्ष, कोटि। (3) संस्कृत पाठ्यपुस्तक  कक्षा 6-8  तथा सामान्य  ज्ञान (3  प्रश्न)                      संस्कृत प्रश्नोत्तरी पाठ्यक्रम- (SANSKRIT Quiz Competition Syllabus)  कक्षा 9-12 (1)

संस्कृत सप्ताहाचारणम् (Sanskrit week)

संस्कृत-सप्ताह-उत्सव:   (Celebration of Sanskrit week)    संस्कृत दिवस     संस्कृत दिवस प्रत्येक वर्ष रक्षाबंधन के दिन अर्थात् श्रावणी पूर्णिमा को भारत सहित विश्व के कई देशों में मनाया जाता है। श्रावणी पूर्णिमा के दिन 1969 में  भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के आदेश से केंद्र तथा राज्य स्तर पर संस्कृत दिवस मनाने का निर्देश हुआ है। 2001 में तत्कालीन प्रधानमंत्री भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की पहल से संस्कृत वर्ष मनाया गया था ।             ------------------------------ संस्कृत-सप्ताह         केंद्रीय विद्यालय संगठन के निर्देशानुसार प्रत्येक वर्ष समस्त केंद्रीय विद्यालयों  में "संस्कृत-सप्ताह" का आयोजन किया जाता है। इसके अंतर्गत विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा-           ये प्रतियोगितायें  दो समूह आयोजित की जाती हैं-  1) कक्षा छठी से आठवीं (VI-VIII)।  2) नौवीं से बारहवीं (IX-XII)।                  प्रतियोगिताओं का विवरण- 1)     संस्कृत-श्लोक-उच्चारणम्            (कोई भी 3-5 श्लोक, स्वर के साथ, अर्थ के बिना)          (अधिकतम 3 मिनट)  2)   संस्कृत-कथा-वाचनम्   

अनुष्टुप छन्द (Anushtup Chand)

    अनुष्टुप छन्द (Anushtup Chand) अनुष्टुप छन्द में कुल - ३२ वर्ण होते हैं - आठ वर्णों के चार पाद।  यह संस्कृत काव्य में सर्वाधिक प्रयुक्त छन्द है, इसका वेदों में भी प्रयोग हुआ है।  आदि कवि वाल्मिकी द्वारा उच्चारित रामायण का प्रथम श्लोक (मा निषाद प्रतिष्ठा) भी अनुष्टुप छन्द में है। गीता और विष्णसहस्रनाम के  श्लोक अनुष्टुप छन्द में हैं। रामायण तथा महाभारत केअधिकांश श्लोक अनुष्टुप छन्द में ही हैं।   हिन्दी में जो लोकप्रियता और सरलता दोहा की है वही संस्कृत में अनुष्टुप की है।    लक्षण- श्लोके षष्ठं गुरु ज्ञेयं सर्वत्र लघु पंचमम्। द्विचतुष्पादयोर्ह्रस्वं सप्तमं दीर्घमन्ययोः॥ 1 2 3 4 5- लघु       6- गुरु       7 गुरु  8,           1 2 3 4 5- लघु       6- गुरु       7 लघु  8, 1 2 3 4 5- लघु       6- गुरु       7 गुरु  8 ,        1 2 3 4 5- लघु       6- गुरु       7 लघु  8,  अनुष्टुप् छंद में कुल चार पादों में 32 वर्ण होते हैं। प्रत्येक पाद में 8 वर्ण,  (पूर्ण वर्णों को ही गिनते हैं।) इस प्रकार एक पंक्ति में 8x2=16 वर्ण,  और एक श्लोक में  कुल (16x2=32) 32 वर्ण ।   इस छन्द के प्रत्येक पद/चरण