Skip to main content

Posts

Showing posts from July, 2024

6.1.2 वयं वर्णमालां पठामः

 6.1.2 N वयं वर्णमालां पठामः पृष्ठ 13 वर्ण-संयोग: यथा   दाशरथिः 1.   हिमालयः 2. कृष्णः  प्रश्न 1    1. गणेशः,  2. शुकः, 3.  रामः, 4.  हरिणः, 5. यज्ञः  6. नासिका,  7. मानचित्र,  8. ढक्का, 9. चमसः,  10. पादः  प्रश्न 2.  पङ्कजम् 1. शुकः 2. दन्ताः 3. त्रिशूलम् 4. ढक्का 5. चन्द्रः 6. वृक्षः 7.चञ्चुः 8. अष्ट 9. शङ्खः

Bridge course शब्दकोषः/ Sanskrit Dictionary

  शब्दकोषः /  Sanskrit Dictionary  12. सहायकानां नामनि  1.उद्यानपालकः -  माली  2.वैद्यः  -              चिकित्सक  3.अनुवैद्यः  -          परिचारक / नर्स 4.चालकः -             चालक   5.न्यायाधीश -          न्यायाधीश 6.पत्रवितरकः -         डाकिया  7.अध्यापकः -          अध्यापक 8.अध्यापिका -         अध्यापिका    9.कृषकः  -              किसान 10.आरक्षकः -           रक्षक/ पुलिस /सैनिक     13 गृहवस्तूनि / घर की वस्तुएं  चमसः -  चम्मच  जलकूपी - बोतल  सुधाखण्डः - चॉक  अग्निपेटिका - माचिस की डब्बी  घटी - घड़ी घटः - मटका  छत्रम् - छाता  पीठम् - मेज  तालः - ताला स्थाली - थाली                 वस्तुपरिचयः   दर्पणः -  शीशा  कङ्कतम्-   कंघी  सूचिका -  सूचक pointer  मापिका- पैमाना scale लेखनी- कलम पेन  स्यूतः-  थैला  पुस्तकम्-  पुस्तक  आसन्दः-  कुर्सी /आसन   चित्र बनाएं / चिपकाएं  19 सः एषः कः ‌‍‍? 20 सा एषा का ‌‍‍? 21 तत् एतत् किम्  ‌‍‍?                   पुलिंग /  स्त्रीलिंग/  नपुंसकलिंग दूर -    एषः (वह) / एषा / एतत्   समीप- सः (यह)/  सा /    तत्   प्रश्न-    कः (क्या)/ का/  किम्  

भवतु भारतम् - संस्कृत गीत Bhavtu Bhartam - Sanskrit Song

  भवतु भारतम् - संस्कृत गीत  Bhavtu Bhartam - Sanskrit Song    शक्तिसम्भृतम् युक्तिसम्भृतम् I  शक्ति-युक्तिसम्भृतम् भवतु भारतम् I  शस्त्रधारकं शास्त्रधारकम् ।  शस्त्र-शास्त्रधारकम् भवतु भारतम् ll  रीतिसंस्कृतं नीतिसंस्कृतम्।  रीति-नीतिसंस्कृतम् भवतु भारतम् ।। कर्मनैष्ठिकं धर्मनैष्ठिकम् । कर्म-धर्मनैष्ठिकं भवतु भारतम् I  भक्तिसाधकं मुक्तिसाधकम्।  भक्ति-मुक्तिसाधकं भवतु भारतम् ll  YouTube Video Link 

शिक्षक-प्रतिज्ञा / Teacher Pledge

  शिक्षक-प्रतिज्ञा  / Teacher Pledge  भारतम् अस्माकं देश:अस्ति। शिक्षकाः राष्ट्रस्य निर्मातार:। वयं स्वदायित्वानां निष्ठापूर्वकं पालनं करिष्यामः। छात्राणां सर्वांगीणविकासे सृजने च वयं पाथेयत्वेन भविष्यामः। वयं स्वराष्ट्रभाषाया: गौरवाय प्रचार-प्रसाराय च सदैव प्रयत्नशीला: भविष्यामः। वयं शिक्षकधर्मस्य दायित्वानां च तन-मन-धनैश्च पालनाय प्रतिज्ञां कुर्मः।  जयतु भारतम्। शिक्षक प्रतिज्ञा (हिंदी) भारत हमारा देश है।शिक्षक राष्ट्र के निर्माता हैं। हम अपने दायित्वों का निष्ठा पूर्वक पालन करेंगे। विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास और सृजन में हम पाथेय बनेंगे।हम अपनी राष्ट्रभाषा के गौरव और प्रचार-प्रसार के लिए सदैव प्रयत्नशील रहेंगे। हम शिक्षक-धर्म और दायित्वों का तन-मन-धन से पालन करने की प्रतिज्ञा लेते हैं।            जय हिंद।