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8.9.1 कक्षा -अष्टमी, विषय:-संस्कृतम्, नवमः पाठ: (सप्तभगिन्यः ) Class- 8th, Subject- Sanskrit, Lesson- 9 (SaptBhaginayaH)

                                                8.9.1 कक्षा -अष्टमी, विषय:-संस्कृतम्, 

 नवमः पाठ:  (सप्तभगिन्यः ) 

Class- 8th,  Subject- Sanskrit, 
Lesson- 9  (SaptBhaginayaH)
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नमो नमः। 
अष्टमकक्ष्यायाः रुचिरा भाग-3 इति पाठ्यपुस्तकस्य शिक्षणे स्वागतम् । 
अधुना वयं नवम-पाठं पठामः।  
 पाठस्य नाम अस्ति- 
                        सप्तभगिन्यः

अहं डॉ. विपिन:। 
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 नवमः पाठ:  (सप्तभगिन्यः ) 

हिंदी-सरलार्थम्

 

(1) अध्यापिका      - सुप्रभातम्।

छात्रः                    - सुप्रभातम्। सुप्रभातम्।

अध्यापिका           - भवतु। अद्य कि पठनीयम्?

छात्रः                    - वयं सर्वे स्वदेशस्य राज्यानां विषये ज्ञातुमिच्छामः।

सरलार्थ -

अध्यापिका      - सुप्रभात (प्रातः काल शुभ हो)।

छात्राएँ।          - सुप्रभात। सुप्रभात।

अध्यापिका     - ठीक है। आज क्या पढ़ना चाहिए?

छात्राएँ            - हम सभी अपने देश के राज्यों के विषय में जानना चाहते हैं।

(2) अध्यापिका - शोभनम्। वदत। अस्माकं देशे कति राज्यानि सन्ति?

सायरा - चतुर्विंशतिः महोदये!

सिल्वी - न हि न हि महाभागे! पञ्चविशतिः राज्यानि सन्ति।

अध्यापिका - अन्यः कोsपि----?

सरलार्थ-

अध्यापिका     - सुन्दर। बोलो। हमारे देश में कितने राज्य हैं?

सायरा            - हे महोदया (श्रीमती जी) चौबीस।

सिल्वी           - नहीं। नहीं महोदय पच्चीस राज्य हैं।

अध्यापिका     - और कोई भी -----?

(3) स्वरा             - (मध्ये एव) महोदये! मे भगिनी कथयति यदस्माकं देशे अष्टविंशतिः राज्यानि सन्ति। एतदतिरिच्य अष्ट केन्द्रशासितप्रदेशाः अपि सन्ति।

अध्यापिका     - सम्यग्जानाति ते भगिनी। भवतु, अपि जानीथ यूयं यदेतेषु राज्येषु सप्तराज्यानाम् एकः समवायोSस्ति यः सप्तभगिन्यः इति नाम्ना प्रथितोSस्ति।

सरलार्थ -

स्वरा - (बीच में ही) महोदया! मेरी बहन कहती है कि हमारे देश में अट्ठाईस राज्य हैं। इसके अलावा आठ केन्द्रशासित प्रदेश भी हैं।

अध्यापिका - तुम्हारी बहन ठीक जानती है। ठीक है। क्या तुम सब जानते हो कि इन राज्यों में सात राज्यों का एक समूह है जो सात बहनों के नाम से प्रसिद्ध है।

(4) सर्वे             - (साश्चर्यम् परस्परं पश्यन्तः) सप्तभगिन्यः? सप्तभगिन्यः?

निकोलसः - इमानि राज्यानि सप्तभगिन्यः इति किमर्थं कथ्यन्ते?

अध्यापिका - प्रयोगोsयं प्रतीकात्मको वर्तते। कदाचित् सामाजिक-सांस्कृतिक- परिदृश्यानां साम्याद् इमानि उक्तोपाधिना (उक्त+उपाधिना) प्रथितानि।

सरलार्थ -

सभी             - (आश्चर्य के साथ एक दूसरे को देखते हुए) सात बहनें? सात बहनें?

निकोलस     - ये राज्य सात बहनें इस नाम से क्यों कहे जाते हैं?

अध्यापिका   - यह प्रयोग प्रतीक के रूप में ही है। शायद सामाजिक सांस्कृतिक वातावरण की समानता के कारण यह उपर्युक्त नाम से प्रसिद्ध है।

(5) समीक्षा         - कौतूहलं मे न खलु शान्तिं गच्छति, श्रावयतु तावद् यत् कानि तानि राज्यानि?

सरलार्थ -

समीक्षा - मेरी जिज्ञासा शान्त नहीं हो रही है। तो सुनाइए (बताइए) कि वे कौन-से राज्य हैं?

(6) अध्यापिका - शृणुत!

अद्वयं मत्रयं चैव न-त्रि-युक्तं तथा द्वयम्।

सप्तराज्यसमूहोsयं भगिनीसप्तकं मतम्।।

इत्थं भगिनीसप्तके इमानि राज्यानि सन्ति-अरुणाचलप्रदेशः, असमः, मणिपुरम्, मिजोरमः, मेघालयः, नगालैण्डः, त्रिपुरा चेति। यद्यपि क्षेत्रपरिमाणैः इमानि लघूनि वर्तन्ते तथापि गुण-गौरव-दृष्ट्या बृहत्तराणि प्रतीयन्ते।

सरलार्थ -

अध्यापिका     - सुनो!

'अ' से प्रारम्भ होने वाले दो, 'म' से आरम्भ होने वाले तीन और 'न' एवं 'त्रि' से युक्त दो (राज्य) (ही) सात बहनों के रूप में माना गया है।

इस प्रकार सात बहनों के रूप में ये राज्य हैं- अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मिजोरम, मेघालय, नगालैण्ड और त्रिपुरा। जबकि क्षेत्रफल (लम्बाई-चौड़ाई) के हिसाब से ये छोटे हैं तो भी गुण और गौरव (महत्त्व) की दृष्टि से बहुत बड़े प्रतीत होते हैं।


(7) सर्वे             - कथम्? कथम्?

सरलार्थ-

सभी            - कैसे? कैसे?

अध्यापिका - इमाः सप्तभगिन्यः स्वीये प्राचीनेतिहासे (प्राचीन + इतिहासे) प्रायः स्वाधीनाः एव दृष्टाः।

अध्यापिका - ये सातों बहनें (सातों राज्य) अपने प्राचीन इतिहास में प्रायः स्वतन्त्र ही देखी गई हैं।


न केनापि (केन+अपि) शासकेन इमाः स्वायत्तीकृताः।

किसी राजा ने इन्हें अपने अधीन नहीं किया।


अनेक-संस्कृति-विशिष्टायां भारतभूमौ एतासां भगिनीनां संस्कृतिः महत्त्वाधायिनी इति।

अनेक संस्कृति की विशेषता से युक्त भारत भूमि में इन बहनों की संस्कृति महत्त्वपूर्ण है।


तन्वी         - अयं शब्दः सर्वप्रथमं कदा प्रयुक्तः?

तन्वी        - यह शब्द सबसे पहले कब प्रयुक्त हुआ (प्रयोग में आया)?


(8) अध्यापिका     - श्रुतमधुरशब्दोsयं (श्रुत-मधुर-शब्दः अयम्) सर्वप्रथमं विगतशताब्दस्य द्विसप्ततितमे (1972) वर्षे त्रिपुराराज्यस्योद्घाटनक्रमे (त्रिपुरा-राज्यस्य-उद्घाटन-क्रमे) केनापि (केन+अपि) प्रवर्तितः।

अध्यापिका     - सुनने में मीठा लगने वाला यह शब्द सबसे पहले पिछली शताब्दी के बेहतरवें (1972) वर्ष में त्रिपुरा राज्य के उद्घाटन के समय किसी ने प्रयोग किया (शुरू किया था।)

अस्मिन्नेव (अस्मिन् +एव) काले एतेषां राज्यानां पुनः सघ्घटनं विहितम्।

इसी समय इन राज्यों का फिर से गठन हुआ।


स्वरा             - अन्यत् किमपि वैशिष्ट्यमस्ति (वैशिष्ट्यम्+अस्ति) एतेषाम्?

स्वरा            - और दूसरी भी कोई विशेषता है?


(9) अध्यापिका     - नूनम् अस्ति एव। पर्वत-वृक्ष-पुष्प-प्रभृतिभिः प्राकृतिकसम्पद्भिः सुसमृद्धानि सन्ति इमानि राज्यानि।

अध्यापिका     - निश्चित रूप से है ही। पहाड़ पेड़ आदि प्राकृतिक सम्पत्तियों से ये राज्य भरे हुए (समृद्ध) हैं।

भारतवृक्षे च पुष्प-स्तबकसदृशानि विराजन्ते एतानि।

और भारतवर्ष रूपी वृक्ष पर ये फूलों के गुच्छे की तरह शोभा पा रहे हैं।


राजीवः         - भवति! गृहे यथा सर्वाधिका रम्या मनोरमा च भगिनी भवति तथैव (तथा+एव) भारतगृहेsपि सर्वाधिकाः रम्याः इमाः सप्तभगिन्यः सन्ति।

सरलार्थ -

राजीव - हे महोदया! जैसे घर में सबसे अधिक प्यारी और मन को अच्छी लगने वाली (सुन्दर) बहिन होती है वैसे ही भारत रूपी घर में भी सबसे अधिक प्यारी ये सात बहने हैं।

(10) अध्यापिका         - मनस्यागता (मनसि+आगता - यण्) ते इयं भावना परमकल्याणमयी परं सर्वे न तथा अवगच्छन्ति।

अध्यापिका     - तुम्हारी समझ में यह अति कल्याणकारी भावना आ गई परन्तु सभी वैसे नहीं जानते (सोचते हैं।


अस्तु, अस्ति तावदेतेषां (तावत्+एतेषां) विषये किञ्चिद् वैशिष्ट्यमपि कथनीयम्।

ठीक है। तो इनके विषय में कुछ विशेषता भी कहनी चाहिए।


सावहितमनसा शृणुत- जनजातिबहुलप्रदेशोsयम्।

सावधान मन से सुनिए- यह प्रदेश जनजातियों से युक्त है।


गारो-खासी-नगा-मिजो-प्रभृतयः बहवः जनजातीयाः अत्र निवसन्ति।

गारो-खासी नगा-मिजो आदि बहुत-सी जनजातियाँ यहाँ निवास करती हैं।


शरीरेण ऊर्जस्विनः एतत्प्रादेशिकाः बहुभाषाभिः समन्विताः, पर्वपरम्पराभिः परिपूरिताः, स्वलीला-कलाभिश्च निष्णाताः सन्ति।

शरीर से शक्तिशाली इस प्रदेश के निवासी बहुत भाषाओं से युक्त, पर्वो (त्यौहार) की परम्पराओं से भरे हुए अपनी क्रिया और कलाओं में कुशल हैं।

(11) मालती         - महोदये! तत्र तु वंशवृक्षा अपि प्राप्यन्ते?

मालती            - हे महोदय! वहाँ तो बाँस के पेड़ भी पाए जाते हैं।


अध्यापिका     - आम्। प्रदेशेsस्मिन् (प्रदेशे +अस्मिन् ) हस्तशिल्पानां बाहुल्यं वर्तते।

अध्यापिका     - हाँ। इस प्रदेश में हस्तशिल्पों की बहुतायत है।

आवस्त्रभूषणेभ्यः गृहनिर्माणपर्यन्तं प्रायः वंशवृक्षनिर्मितानां वस्तूनाम् उपयोगः क्रियते।

वस्त्रों और आभूषणों से लेकर घर को बनाने तक अधिकतर बाँस के वृक्षों से बनी वस्तुओं का उपयोग किया जाता है।


यतो हि अत्र वंशवृक्षाणां प्राचुर्यं विद्यते।

क्योंकि यहाँ बाँस के वृक्षों की अधिकता है।


साम्प्रतं वंशोद्योगोsयं अन्ताराष्ट्रियख्यातिम् अवाप्तोsस्ति (अवाप्तः+स्ति)

इस समय यह बाँस का व्यवसाय (उद्योग) अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की प्रसिद्धि को पा चुका है।


(12) अभिनवः         - भगिनीप्रदेशोsयं बह्वाकर्षकः (बहु+आकर्षकः -यण्) इति प्रतीयते।

अभिनय         - यह बहनों का प्रदेश बहुत सुन्दर प्रतीत होता है।


सलीमः           - कि भ्रमणाय भगिनीप्रदेशोsयं (भगिनीप्रदेशः +अयं) समीचीनः?

सलीम - क्या घूमने के लिए यह बहनों का प्रदेश उचित (उपयोगी) है।


सर्वे छात्रः        - (उच्चैः) महोदये! आगामिनि अवकाशे वयं तत्रैव (तत्र +एव) गन्तुमिच्छामः।

सभी छात्र     - (जोर से) हे महोदया! अगली छुट्टी में हम वहीं जाना चाहते हैं।


स्वरा             - भवत्यपि अस्माभिः सार्द्धं चलतु।

स्वरा             - आप भी हमारे साथ चलिए।


अध्यापिका - रोचते मेsयं विचारः। एतानि राज्यानि तु भ्रमणार्थं स्वर्गसदृशानि इति।

अध्यापिका   - मुझे यह विचार अच्छा लगता है। ये राज्य तो भ्रमण के लिए स्वर्ग के समान हैं।

 

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धन्यवादाः। 
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        (1) पठनाय ( NCERT Book in PDF)

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        (2) श्रवणाय  (Audio)- 
  
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        (3)  दृश्य-श्रव्य (Video) 
   8.9.1    पाठ-वाचनं विवरणं च  
  
     डॉ. विपिनः        

      पाठ-वाचनं विवरणं च 
8.9.1 गीत 

     पाठस्य विवरणम् 

      (OnlinesamskrTutorial)

      अभ्यासः 
(OnlinesamskrTutorial)

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           (4) अभ्यास-कार्यम् -प्रश्नोत्तराणि 
               (Lesson Exercise )  
          

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           (5)   अभ्यासाय  (B2B Worksheet)      
      

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                         संस्कृत-प्रभा
  
                  8.9.2  अभ्यासः 

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