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6.15.1 कक्षा- षष्ठी, विषय:- संस्कृतम्, पञ्चदशः पाठ: (मातुलचन्द्र!) Class-6th, Subject-Sanskrit, Lesson- 15 (Maatul Chandra!)

 

 6.15.1 कक्षा- षष्ठी, विषय:- संस्कृतम्,  
पञ्चदशः पाठ:  (मातुलचन्द्र!) 
Class-6th,  Subject-Sanskrit, 
Lesson- 15 (Maatul Chandra!) 

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नमो नमः। 
षष्ठकक्ष्यायाः रुचिरा भाग-1 इति पाठ्यपुस्तकस्य शिक्षणे स्वागतम् । 
अधुना वयं चतुर्दश-पाठं पठामः । 
 पाठस्य नाम अस्ति 
                 मातुलचन्द्र!
अहं डॉ. विपिन:। 
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पञ्चदशः पाठ:  (मातुलचन्द्र!) 

(चन्दा मामा 

मातुलचन्द्र!” पाठस्य परिचयं -

प्रस्तुत पाठ एक बालगीत है। एक बालक विस्तृत नील गगन में चंदा मामा की ओर आकर्षित हो अनुरोध करता है कि चंदा मामा आएँ उस पर स्नेह बरसाएँ, उसे गीत सुनाएँ। चंदा मामा कहाँ से आते हैं, कहाँ जाते हैं- यह बात भी उसे अचंभे में डालती है।

मातुलचन्द्र! पाठस्य सारांश:

इस पाठ में शिशु चन्दामामा को सम्बोधित कर रहा है। वह कहता है- हे चन्दामामा! तुम कहाँ से आते हो? तुम कहाँ जाओगे? यह नीला आकाश बहुत विशाल है। यहाँ कहीं खाली जगह दिखाई नहीं देती। हे चन्दामामा! तुम कैसे जाओगे? तुम कहाँ से आते हो? हे मामा! तुम मेरे घर कैसे नहीं आते? तुम स्नेह क्यों नहीं बिखराते? हे चन्दामामा! तुम कब जाओगे? हे चन्दामामा! तुम कहाँ से आते हो?

हे चन्दामामा! तुम्हारी सफेद फैली हुई चाँदनी है। क्या तुम तारों से शोभित सफेद वस्त्र मुझे दोगे? हे चन्दामामा! तुम कहाँ से आते हो? हे प्रिय मामा जी ! तुम शीघ्र आओ, तुम मुझे गीत सुनाओ, तुम मेरी प्रीति बढ़ाओ। हे चन्दामामा! तुम क्या नहीं आओगे? हे चन्दामामा! तुम कहाँ से आते हो?

 सम्बोधनसिखाने के लिए यह कविता सहायक है। मातुलचन्द्र सम्बोधन पद है।

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(1) कुत आगच्छसि मातुलचन्द्र !

कुत्र गमिष्यसि मातुलचन्द्र !

अतिशयविस्तृतनीलाकाश:

नैव दृश्यते क्वचिदवकाशः

कथं प्रयास्यसि मातुलचन्द्र!

कुत आगच्छसि मातुलचन्द्र ! 

हे चन्दामामातुम कहाँ से आते होतुम कहाँ जाओगेयह नीला आकाश बहुत विशाल है। यहाँ कहीं खाली जगह दिखाई नहीं देती। हे चन्दामामातुम कैसे जाओगेतुम कहाँ से आते हो?


(2) कथमायासि न भोमम गेहम्

मातुलकिरसि कथं न स्नेहम्

कदाऽऽगमिष्यसि मातुलचन्द्र!

कुत आगच्छसि मातुलचन्द्र !

हे मामातुम मेरे घर क्यों नहीं आते? मामा! तुम स्नेह क्यों नहीं बिखराते होहे चन्दामामातुम कब आओगेहे चन्दामामातुम कहाँ से आते हो?


(3) धवलं तव चन्द्रिकावितानम्

तारकखचितं सितपरिधानम्

मह्यं दास्यसि मातुलचन्द्र !

कुत आगच्छसि मातुलचन्द्र!

हे चन्दामामातुम्हारी सफेद फैली हुई चाँदनी है। क्या तुम तारों से शोभित सफेद वस्त्र मुझे दोगेहे चन्दामामातुम कहाँ से आते हो?


त्वरितमेहि मां श्रावय गीतिम्

प्रिय मातुलवर्धय मे प्रीतिम्

किन्नायास्यसि मातुलचन्द्र !

कुत आगच्छसि मातुलचन्द्र!

  तुम शीघ्र आओतुम मुझे गीत सुनाओ,हे प्रिय मामा जी ! तुम मेरी प्रीति बढ़ाओ। हे चन्दामामातुम क्या नहीं आओगेहे चन्दामामातुम कहाँ से आते हो?

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पठाधारित प्रश्ना:-

(1) कुत आगच्छसि मातुलचन्द्र !

कुत्र गमिष्यसि मातुलचन्द्र !

अतिशयविस्तृतनीलाकाश:

नैव दृश्यते क्वचिदवकाशः

कथं प्रयास्यसि मातुलचन्द्र!

कुत आगच्छसि मातुलचन्द्र !

  1. पद्यांशं आधृत्य प्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत

क)   नीलाकाशः कीदृशः अस्ति?

.............................................................................

ख)   किम् न दृश्यते ?

.............................................................................

2. भाषिक कार्यम्

क)   आकाश: पदस्य विशेषणपदम् किम्?

............................................................................

 

ख)   गमिष्यसिपदस्य लकार वचनं च लिखत

...........................................................................

ग)    नैवपदस्य संधि विच्छेदम् कुरुत

1)    नै +                    

2)     नि + एव               

3)    + एव

     

उत्तराणि

 

1    पद्यांशं आधृत्य प्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत

) अतिशयविस्तृतं

) अवकाश:

2  . भाषिक कार्यम्

क)     नीला

ख)     लृट् लकार:, एकवचनं

ग)         + एव


 

(2) कथमायासि न भो! मम गेहम्

मातुल! किरसि कथं न स्नेहम्

कदाऽऽगमिष्यसि मातुलचन्द्र!

कुत आगच्छसि मातुलचन्द्र !

 

  1. पद्यांशं आधृत्य प्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत – 

क)    अत्रभो!” इति सम्बोधनपदम् कस्मै कृते प्रयुज्यते?

..........................................................................

ख)    मातुलचन्द्र: किं न किरति ?

............................................................................

 

  1. भाषिक कार्यम्

क)    गृहंपदस्य पर्यायवाचीपदम् पद्यान्शात् चित्वा लिखत

.............................................................................

ख)     आगच्छसिपदस्य लकार: लिखत

1)    लट् लकार:  

2)     लोट् लकार:           

3)    लृट् लकार:

 

ग)     निम्नलिखित पदानां उचित अर्थै सह मेलयत

कुत:              कैसे

कथं               कब

कदा               कहाँ से



उत्तराणि

1    पद्यांशं आधृत्य प्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत

) चन्द्राय

) स्नेहम्

2 भाषिक कार्यम्

) गेहम्

) लट् लकार:

) कुत:      कहाँ से

    कथं       कैसे

    कदा       कब 

(3) धवलं तव चन्द्रिकावितानम्

तारकखचितं सितपरिधानम्

मह्यं दास्यसि मातुलचन्द्र !

कुत आगच्छसि मातुलचन्द्र!

त्वरितमेहि मां श्रावय गीतिम्

प्रिय मातुल! वर्धय मे प्रीतिम्

किन्नायास्यसि मातुलचन्द्र !

कुत आगच्छसि मातुलचन्द्र!

 

  1. पद्यांशं आधृत्य प्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत

क)     चन्द्रस्य सितपरिधानं कथम् अस्ति?

.............................................................................

ख)    धवलं किम्?

.............................................................................

ग)     कः मातुल:?

.............................................................................

  1. भाषिक कार्यम् -

क)   शीघ्रंपदस्य पर्यायवाचीपदम् पद्यान्शात् चित्वा लिखत

.............................................................................

 

ख)   किन्नायास्यसिपदविच्छेदम् कुरुत

...........................................................................

ग)    किं श्रावयितुं शिशुः चन्द्रं कथयति ?

1)    भजनं                     

2)    गीतिम्                   

3)    प्रीतिम्

 

 

 

उत्तराणि

1 पद्यांशं आधृत्य प्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत

) तारकखचितं

) चन्द्रिकावितानम्

) चन्द्र:

2 भाषिक कार्यम् -

) त्वरितम्

) किम् + + आयास्यसि

) गीतिम्


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