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केंद्रीय विद्यालय संगठन का ध्येय वाक्य (MOTO of KVS)

 केंद्रीय विद्यालय संगठन का ध्येय वाक्य

MOTO of Kendriya Vidyalaya Sangathan 


केंद्रीय विद्यालय संगठन का ध्येय वाक्य है - 

"तत् त्वं पूषन् अपावृणु" जिसका शाब्दिक अर्थ है 

हे पूषन्! आप उसे हटा दें।  


क्या हटा दें, कहां से हटा दें  इसका तात्पर्य समझने हेतु

हमें पूरा मंत्र जानना होगा जो ईशोपनिषद् से लिया गया है। 


             हिरण्मयेन पात्रेण सत्यस्यापिहितं मुखम्‌।

             तत् त्वं पूषन् अपावृणु सत्यधर्माय दृष्टये ॥

                                            ईशोपनिषद् मंत्र-15 


अन्वय-

हिरण्मयेन पात्रेण सत्यस्य मुखम् अपिहितम् अस्ति। पूषन् तत् सत्यधर्माय दृष्टये त्वम् अपावृणु ॥  


    सरलार्थ-  (Hindi Meaning)

स्वर्णमय पात्र (सुनहरे ढक्कन) से, सत्य का मुख ढका हुआ है। हे पूषन् (सूर्यदेव)! आप उस अज्ञानता को दूर कर सत्य धर्म (ज्ञान) की पहचान कराएं।  


मंत्र के अर्थ के अनुसार "तत् त्वं पूषन् अपावृणु" का भावार्थ है - 

हे पूषन्! आप उस अज्ञानता को दूर करें।   


--------------------- 

   सरलार्थ-  (English Meaning) 

The face of Truth is covered with a brilliant golden lid; that do thou remove, O Fosterer, for the law of the Truth, for sight.


शब्दार्थ (Glossary)- 

हिरण्मयेन पात्रेण - hiraṇmayena pātreṇa - a brilliant golden lid | 

सत्यस्य - satyasya - of Truth | 

मुखम् - mukham - the face | 

अपिहितम् - apihitam - is covered | 

पूषन् - pūṣan - O Fosterer! | 

तत् - tat - that | 

सत्यधर्माय - satyadharmāya - for the law of the Truth | 

दृष्टये - dṛṣṭaye - for sight | 

त्वम् - tvam - do thou |

अपावृणु - apāvṛṇu - remove ।

             

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