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Showing posts from 2023

विभक्तिः Vibhakti

विभक्तिः Vibhakti - sanskrit vyakaran विभक्तयः 1. कारकविभक्तयः।  2.  उपपदविभक्तिः। 1. कारकविभक्तयः   क्रियामाधृत्य यत्र द्वितीया-तृतीयाद्याः विभक्तयः भवन्ति ,  ताः  ‘ कारकविभक्तयः ’  इत्युच्यन्ते।  क्रिया के आधार पर जहां (जब) द्वितीया, तृतीया आदि विभक्ति होती हैं उन्हें कारक विभक्ति कहते हैं। यथा-       रामः ग्रामं गच्छति। बालकाः यानेन यान्ति इत्यादयः।।   ( यहां गच्छती क्रिया के होने से ग्राम शब्द में द्वितीय विभक्ति का प्रयोग कर ग्राम रूप बना है ) —————————-2. उपपदविभक्तिः पदमाश्रित्य प्रयुक्ता विभक्तिः  ‘ उपपदविभक्तिः ’  इत्युच्यते। पद (शब्द) के आधार पर प्रयोग की जाने वाली विभक्ति उपपद विभक्ति कहलाती है  यथा-  ग्रामं परितः वनम्।  रामेण सह लक्ष्मणः गच्छति।  अत्र  ‘ परितः ’  इति योगे ग्रामपदात् द्वितीया तथा च  यहां परित: शब्द होनेके कारण (उससे पहले वाले शब्द) ग्राम शब्द में द्वितीया विभक्ति ‘ सह ’  इति योगे रामपदात् प्रयुक्ता तृतीया उपपदविभक्तिः अस्ति। और सह शब्द होने से ( उससे पहले वाले शब्द)    राम शब्द में तृतीया विभक्ति का प्रयोग रामेण हुआ है।

प्रमुख कवि तथा उनकी रचनाएँ Imp. Sanskrit books and writers

 प्रमुख कवि तथा उनकी रचनाएँ  Imp. Sanskrit books and writers  1.अभिषेक नाटक - भास 2.अभिज्ञान शाकुन्तलम् - कालिदास 3.अविमारक - भास 4.अर्थशास्त्र - चाणक्य 5.अष्टाध्यायी - पाणिनि 6.आर्यभटीयम् - आर्यभट 7.आर्या-सप्तशती - गोवर्धनाचार्य 8.उरुभंग - भास 9.ऋतुसंहार - कालिदास 10.कर्णभार - भास 11.कादम्बरी - वाणभट्ट 12.कामसूत्र - वात्स्यायन 13.काव्यप्रकाश - मम्मट 14.काव्यमीमांसा - राजशेखर 15.कालविलास - क्षेमेन्द्र 16.किरातार्जुनीयम् - भारवि 17.कुमारसंभव - कालिदास 18.बृहत्कथा - गुणाढ्य 19.चण्डीशतक - वाणभट्ट 20.चरक संहिता - चरक 21.चारुदत्त भास 22.चौरपंचाशिका - बिल्हण 23.दशकुमारचरितम् - दण्डी 24.दूतघटोत्कच - भास 25.दूतवाक्य - भास 26.न्यायसूत्र - गौतम 27.नाट्यशास्त्र - भरतमुनि 28.पञ्चरात्र - भास 29.प्रतिमानाटकम् -भास 30.प्रतिज्ञायौगंधरायण - भास 31.बृहद्यात्रा - वाराहमिहिर 32.ब्रह्मस्फुटसिद्धान्त - ब्रह्मगुप्त 33.ब्रह्मसूत्र - बादरायण 34.बालचरित्र - भास 35.मध्यमव्यायोग भास 36.मनुस्मृति - मनु 37.महाभारत - वेद व्यास 38.मालविकाग्निमित्र - कालिदास 39.मुकुटतादितक - वाणभट्ट 40.मेघदूत - कालिदास 41.मृच्छकटिकम्

6 Ruchira TLO लक्षित-अधिगम-बिन्दवः (Targated Learning Outcomes- TLO) संस्कृतम्/ Sanskrit कक्षा Class VI

  लक्षित-अधिगम-बिन्दवः  (Targated Learning Outcomes- TLO) संस्कृतम्/ Sanskrit    कक्षा Class VI शब्दपरिचय:-I 6.1 लक्षित-अधिगम-बिन्दवः (TLOs) -  1. तद्-एतद्-किम्-शब्दानां ज्ञानं प्रयोगः च पुंलिङ्गे प्रथमा-विभक्तौ।   3. चित्रं दृष्ट्वा "अकारान्त-पुल्लिंग" शब्दज्ञानम्।   4. कर्तृ-पदानां (संज्ञा-सर्वनाम) क्रिया-पदानां च ज्ञानम्।   5. संस्कृत-पदानां वर्ण-विच्छेदः, वर्णानां संयोजनम्। 6. नूतन-पदानां पठनम्, तेषां स्पष्टरूपेण उच्चारणम्। शब्दपरिचय:-II 6.2 लक्षित-अधिगम-बिन्दवः (TLOs) -  1. तद्-एतद्-किम्-शब्दानां ज्ञानं प्रयोगः च स्त्रीलिङ्गे प्रथमा विभक्तौ।   2. चित्रं दृष्ट्वा "आकारान्त-स्त्रीलिङ्ग" शब्दज्ञानम्।   3. कर्तृ-पदानां (संज्ञा-सर्वनाम) क्रिया-पदानां च ज्ञानम्। 4. संस्कृत-पदानां वर्ण-विच्छेदः, वर्णानां संयोजनम्। 5. नूतन- पदानां पठनम्, तेषां स्पष्टरूपेण उच्चारणम्। शब्दपरिचय:-III  6.3 लक्षित-अधिगम-बिन्दवः (TLOs) -  1. तद्-एतद्-किम्-शब्दानां ज्ञानं प्रयोगः च नपुंसकलिङ्गे प्रथमा-विभक्तौ।    2. चित्रं दृष्ट्वा "अकारान्त-नपुंसकलिङ्ग" शब्दज्ञानम्।   3. कर्तृ-पदा

7 TLO लक्षित-अधिगम-बिन्दवः (Targated Learning Outcomes- TLO) संस्कृतम्/ Sanskrit कक्षा Class VII

  लक्षित-अधिगम-बिन्दवः  (Targated Learning Outcomes- TLO)                संस्कृतम्/ Sanskrit                         कक्षा Class VII 7.1  सुभाषितानि  लक्षित-अधिगम-बिन्दवः (TLOs) - 1. सुभाषित-श्लोकानां सस्वर-वाचनम् अर्थज्ञानम् च।  2. सुभाषितानाम् महत्त्व-कथनम्। 3. सुभाषितानाम् श्लोकानां माध्यमेन नैतिक-मूल्यस्य विकास:।  4. जीवने उपयोगी विचारणां परिचय:, जीवने तेषां आत्मसात् करणार्थं प्रेरणा।  7.2  दुर्बुधि विनश्यति  लक्षित-अधिगम-बिन्दवः (TLOs) - 1. विष्णुशर्मा कृत "पञ्चतंत्रम्" इति ग्रन्थस्य परिचय:।  2. भूतकाले "लङ्ग" लकारस्य "स्म" इत्यस्य च परिचय:। 3. संस्कृत कथा माध्यमेन संस्कृतस्य प्रति रुचि: उत्पादनम्।  4. नूतन-पदानां पठनम्, तेषां स्पष्टरूपेण उच्चारणम्।  7.3  स्वावलम्बनम्    लक्षित-अधिगम-बिन्दवः (TLOs) - 1. छात्रा: स्वावलंबनस्य महत्त्वविषये ज्ञास्यन्ति।  2. संस्कृते संख्यवाचक-शब्दानां ज्ञानम्।  3. जीवन उपयोगी विचारणां परिचय:, जीवने तेषां आत्मसात् करणार्थं प्रेरणा।  4. तद्-एतद्-शब्दयोः ज्ञानं प्रयोगः च ।     5. भारतीयवर्षानुसारं मासानां ऋतूनां च

8 TLO लक्षित-अधिगम-बिन्दवः (Targated Learning Outcomes- TLO) संस्कृतम्/ Sanskrit, कक्षा VIII

                लक्षित-अधिगम-बिन्दवः  (Targated Learning Outcomes- TLO)                संस्कृतम्/ Sanskrit                           कक्षा/ Class VIII  8.1  सुभाषितानि    लक्षित-अधिगम-बिन्दवः (TLOs) -   1. सुभाषित-श्लोकानां सस्वर-वाचनम् अर्थज्ञानम् च।  2. सुभाषितानाम् महत्त्व-कथनम्। 3. सुभाषितानाम् माध्यमेन नैतिक-मूल्यस्य  विकास:।  4. जीवने उपयोगी विचारणां परिचय:, जीवने तेषां आत्मसात् करणार्थं  प्रेरणा।  -------------------- 8.2  बिलस्य वाणी न कदापि मे श्रुता  लक्षित-अधिगम-बिन्दवः (TLOs) - 1. विष्णुशर्मा कृत "पञ्चतंत्रम्" इति ग्रन्थस्य परिचय:।  2. भूतकाले  "लङ्ग"  लकारस्य "स्म" इत्यस्य च  परिचय:।  3. नीतिबोधक-कथा-विषये अवबोध:।  4. कठिन-परिस्थितौ  धैर्यस्य आवश्यकताया: च शिक्षणम्। 5. अव्यय-कर्तृ-क्रिया च पदानां ज्ञानम् ।   -------------------- 8.3 डिजीभारतम्   लक्षित-अधिगम-बिन्दवः (TLOs) -   1. आधुनिक काले संगणकस्य कियत् महत्त्वम् अस्ति इति ज्ञानम्। 2. "डिजिटल / संगणक" विषय-सम्बद्धम्  तांत्रिक शब्दानां ज्ञानम्। 3. "डिजिटल इंडिया" इति अवध

विद्यार्थी उपलब्धियों के संवर्धन हेतु उठाए गए कदम (Steps Taken to Improve Students Performance )

विद्यार्थी उपलब्धियों के संवर्धन हेतु उठाए गए कदम Steps Taken to Improve Students Performance धीमी गति से सीखने वाले छात्र Slow Bloomers/ Learners 1. कक्षा में सबसे आगे बिठाया जाता है तथा विशेष ध्यान दिया जाता है। 2. आत्मविश्वास वर्धन हेतु सरल प्रश्न पूछे जाते हैं। 3. पृष्‍ठ पोषण प्रदान कर उनकी कमियों, गलतीयों तथा त्रुटियो से अवगत कराया जाता है, ताकि छात्र उन्‍‍हे सुधार सके। साथ ही छात्रों की अच्‍छी विशेषतायें, अच्‍छा कार्य, उनके गुणों तथा उनकी अच्‍छाईयों का भी विवरण दिया जाता है । ताकि वे आगे भी अपने व्‍यवहारों में प्रदर्शित कर सके ।  4. पुस्तिका की जांच अधिक बार तथा अधिक ध्यान- पूर्वक से की जाती है।  5. कक्षा में प्रश्न पूछने तथा उत्तर देने हेतु प्रेरित कर अधिक अवसर प्रदान किए जाते हैं।   6. कक्षा में पाठ पढ़ने हेतु अधिक अवसर प्रदान किए जाते हैं तथा घर में अध्ययन हेतु प्रेरित किया जाता है। 7. प्रतिदिन सुलेख लिखने के लिए कहा गया ताकि विद्यार्थी अपना लेख, लिखने की गति तथा वर्तनी को सुधार सकें।  कुशाग्र विद्यार्थी  BRIGHT ACHIEVERS 1. विषय का समूह नेता बनाया जाता है। 2. रचनात्मक क

संस्कृत-भाषायां वार्तालाप: Conversation in sanskrit

  संस्कृत-भाषायां वार्तालाप:  Conversation in sanskrit 1. नमोनमः  नमस्कार। 2. भवतः नाम किम्? आपका क्या नाम है? 3. मम नाम ......। मेरा नाम .... है। 4. भवान् कथं अस्ति? आप कैसे हो? 5. अहं कुशल: अस्मि।  मैं अच्छा हूॅं। 6. भवान् कुत्र पठति? आप कहां पढ़ते हो? 7. अहं केंद्रीय विद्यालय (जतोग छावनी) विद्यालये पठामि। मैं केंद्रीय विद्यालय (जतोग छावनी) में पढ़ता हूॅं।  8. भवान् कस्मिन् कक्षायां पठति? आप कौनसी कक्षा में पढ़ते हो? 9. अहं  षष्ठी कक्षायां पठामि। मैं छठी कक्षा में पढ़ता हूॅं। 10. भवान् कुत्र गच्छति? आप कहां जा रहे हो? 11. अहं विद्यालये गच्छामि। मैं विद्यालय जा रहा हूं। 12. धन्यवाद:। धन्यवाद। 13. पुनः मिलामः । फिर मिलते हैं।

प्रतियोगिता हेतु संस्कृत/ हिंदी में परिचय/ प्रस्तावना/ भूमिका (श्लोक/ भाषण) Introduction for Compititions in sanskrit/ Hindi (shalok / bhashan)

  प्रतियोगिता हेतु संस्कृत/ हिंदी में परिचय/ प्रस्तावना/ भूमिका (श्लोक/ भाषण)  Introduction for Compititions in sanskrit/ Hindi (shalok / bhashan) परम आदरणीयः अध्यक्ष (प्राचार्य) महोदयः, नीर-क्षीर-विवेकिनः निर्णायकाः,  सम्माननिया: शिक्षकाः, तथा च समुपस्थिताः प्रतिभागिन:/ श्रोतागण: । सर्वेभ्यो नमो नमः   मम नाम .......... अहं (केंद्रीय) विद्यालयस्य ........... षष्ठी/सप्तमी/अष्टमी/नवमी/दशमी कक्षायां पठामि ।  श्लोक /Shalok-  अद्य अहं भवतां समक्षे केचन् संस्कृत-श्लोकान् प्रस्तुतं करोमि। भाषण / Speech-  अद्य अहं भवतां समक्षे................ इति विषये स्वविचारान् वक्तुं इच्छामि।  - -------------- हिंदी   --------------- परम आदरणीय अध्यक्ष (प्राचार्य) महोदय, नीर क्षीर विवेकी निर्णायकगण, आदरणीय शिक्षक वृन्द, तथा मेरे प्रबुद्ध साथीयों/ श्रोतागण  आप सभी को मेरा सादर नमस्कार मेरा नाम ...... है, मैं केंद्रीय विद्यालय ....... की छठी/ सातवीं/ आठवीं/ नवमी/ दशमी/ ग्यारहवीं/बारहवीं कक्षा का विद्यार्थी हूं। आज मैं आपके समक्ष कुछ श्लोक/ कविता/ गीत लेकर उपस्थित हुआ हूॅं।   ------ भाषण / Speech आज म

8.13.1 कक्षा -अष्टमी, विषय:- संस्कृतम्, त्रयोदशः पाठः- क्षितौ राजते भारतस्वर्णभूमिः Class- 8th (VIII), Subject- Sanskrit, Lesson- 13 (Shitau Rajte Bharat Swarn BhoomiH)- Arth

  8.13.1 कक्षा -अष्टमी, विषय:- संस्कृतम्,  त्रयोदशः पाठः- क्षितौ राजते भारतस्वर्णभूमिः Class- 8th (VIII),  Subject- Sanskrit,  Lesson- 13  (Shitau Rajte Bharat Swarn BhoomiH)- Arth        ************************************  नमो नमः।  अष्टमकक्ष्यायाः रुचिरा भाग-3 इति पाठ्यपुस्तकस्य शिक्षणे स्वागतम् ।  अधुना वयं त्रयोदशः-पाठं पठामः।    पाठस्य नाम अस्ति-                             क्षितौ राजते भारतस्वर्णभूमिः   अहं डॉ. विपिन:।         ************************************   त्रयोदशः पाठः- क्षितौ राजते भारतस्वर्णभूमिः हिंदी-सरलार्थम्  हिंदी सरलार्थम् कक्षा- अष्टमी त्रयोदशः पाठः- क्षितौ राजते भारतस्वर्णभूमिः (1) सुपूर्णं सदैवास्ति खाद्यान्नभाण्डम् नदीनां जलं यत्र पीयूषतुल्यम्। इयं स्वर्णवद् भाति शस्यैर्धरेयं क्षितौ राजते भारतस्वर्णभूमिः॥ सरलार्थ:- जहाँ खाद्यान्नों का भंडार सदा ही भरा रहता है, जहाँ नदियों का जल अमृत के तुल्य है। यह धरती फसलों से सोने की तरह शोभा पाती है। यह भारत की स्वर्णभूमि धरती पर सुशोभित होती है।   शब्दार्थ:- सुपूर्णम्-भरा हुआ। सदैव-सदा ही। अस्ति-है। खाद्यान्नभाण्डम्

8.14.1 कक्षा -अष्टमी, विषय:- संस्कृतम्, चतुर्दशःपाठः - आर्यभटः Class- 8th (VIII), Subject- Sanskrit, Lesson- 13 (AaryabhatH)- Arth

  8.14.1 कक्षा -अष्टमी, विषय:- संस्कृतम्,  चतुर्दशःपाठः - आर्यभटः    Class- 8th (VIII),  Subject- Sanskrit,  Lesson- 14  (AaryabhatH)- Arth        ************************************  नमो नमः।  अष्टमकक्ष्यायाः रुचिरा भाग-3 इति पाठ्यपुस्तकस्य शिक्षणे स्वागतम् ।  अधुना वयं चतुर्दशः-पाठं पठामः।    पाठस्य नाम अस्ति-                               आर्यभटः  अहं डॉ. विपिन:।         ************************************   चतुर्दशःपाठः - आर्यभटः  हिंदी-सरलार्थम् हिंदी सरलार्थम् कक्षा- अष्टमी चतुर्दशःपाठः - आर्यभटः  आर्यभट-परिचय: (1) पूर्वदिशायाम् उदेति सूर्यः पश्चिमदिशायां च अस्तं गच्छति इति दृश्यते हि लोके।  परं न अनेन अवबोध्यमस्ति यत्सूर्यो गतिशील इति।  सूर्योऽचलः पृथिवी च चला या स्वकीये अक्षे घूर्णति इति साम्प्रतं सुस्थापितः सिद्धान्तः। सिद्धान्तोऽयं प्राथम्येन येन प्रवर्तितः, स आसीत् महान् गणितज्ञः ज्योतिर्विच्च आर्यभटः।  सरलार्थ:-  संसार में यह दिखाई देता है कि सूर्य पूर्व दिशा में उदय होता है और पश्चिम दिशा में अस्त होता है परन्तु इससे यह नहीं जाना जाता है कि सूर्य गतिशील है। सूर्य अचल ह

8.12.1 कक्षा -अष्टमी, विषय:-संस्कृतम्, द्वादशः पाठः- कः रक्षति कः रक्षितः Class- 8th (VIII), Subject- Sanskrit, Lesson- 12 (Kaha Rakshti Kaha Rakshitah)- Arth

  8.12.1 कक्षा -अष्टमी, विषय:- संस्कृतम्,  द्वादशः पाठः- कः रक्षति कः रक्षितः  Class- 8th (VIII),  Subject- Sanskrit,  Lesson- 12  (Kaha Rakshti Kaha Rakshitah)- Arth        ************************************  नमो नमः।  अष्टमकक्ष्यायाः रुचिरा भाग-3 इति पाठ्यपुस्तकस्य शिक्षणे स्वागतम् ।  अधुना वयं एकादश-पाठं पठामः।    पाठस्य नाम अस्ति-                                कः रक्षति कः रक्षितः अहं डॉ. विपिन:।         ************************************  द्वादशः पाठः- कः रक्षति कः रक्षितः  हिंदी-सरलार्थम् (1 ) (ग्रीष्मर्तौ सायंकाले विद्युदभावे प्रचण्डोष्मणा पीडितः वैभवः गृहात् निष्क्रामति) (ग्रीष्म ऋतु में शाम को बिजली के न रहने पर भयानक गर्मी से दु:खी वैभव घर से निकलता है।) वैभवः – अरे परमिन्दर्! अपि त्वमपि विद्युदभावेन पीडितः बहिरागत: ? वैभव – अरे परमिन्दर्! क्या तुम भी बिजली के अभाव से परेशान बाहर आए हो ? (2) परमिन्दर् – आम् मित्र! एकत: प्रचण्डातपकाल: अन्यतश्च विद्युदभावः परं बहिरागत्यापि पश्यामि यत् वायुवेगः तु सर्वथाऽवरुद्धः। परमिन्दर् – हाँ मित्र! एक ओर से भयानक गर्मी का समय है और दू