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8.1.1 कक्षा- अष्टमी, विषय:- संस्कृतम् पाठः -1 संगच्छध्वं संवदध्वम् Class- 7th, Subject - Sanskrit, Lesson-1 Sangchadhvam SangVadadhvam NCERT - दीपकम् / Deepakam

                 8.1.1 कक्षा- अष्टमी,  विषय:- संस्कृतम्

                     पाठः -1 संगच्छध्वं संवदध्वम्  

     Class- 7th,  Subject - Sanskrit,  

Lesson-1  Sangchadhvam SangVadadhvam 

           NCERT -  दीपकम् / Deepakam              

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📝 वयम् अभ्यासं कुर्मः



प्रथम पाठ का नाम है — "संगच्छध्वं संवदध्वम्"

यह पाठ ऋग्वेद से लिया गया एक अत्यंत सुंदर और प्रेरणादायक मंत्र-संग्रह है, जिसमें एकता, समन्वय और सामाजिक सौहार्द की भावना को दर्शाया गया है।

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🕉️ मंत्र 1

संगच्छध्वं संवदध्वं सं वो मनांसि जानताम् ।

देवा भागं यथा पूर्वे सञ्जानाना उपासते ॥

हिंदी अर्थ:

हम सब मिलकर चलें, मिलकर बोलें और हमारे मन भी एक समान हों। 

जैसे प्राचीन समय में देवता समान भावना से यज्ञ-भाग को स्वीकार करते थे, वैसे ही हम भी एकता के साथ कार्य करें।

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🕉️ मंत्र 2

समानो मन्त्रः समितिः समानी

समानं मनः सहचित्तमेषाम् ।

समानं मन्त्रमभिमन्त्रये वः

समानेन वो हविषा जुहोमि ॥

हिंदी अर्थ:

आप सबका विचार, संकल्प और उद्देश्य एक समान हो।

आप सबका मन एक हो और सबके चित्त में सामंजस्य हो।

मैं आप सभी के लिए एक समान मंत्र का उच्चारण करता हूँ और आप सबके लिए समान आहुति अर्पण करता हूँ।

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🕉️ मंत्र 3

समानी व आकूति: समाना हृदयानि व: ।

समानमस्तु वो मनो यथा व: सुसहासति ॥

हिंदी अर्थ:

आप सबकी इच्छाएँ एक समान हों, आपके हृदय आपस में जुड़े रहें।

आप सबका मन एक हो जाए, ताकि आप सब मिलकर सुखपूर्वक कार्य कर सकें।

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✨ सारांश / भावार्थ:

इन मंत्रों के माध्यम से ऋषि हमें यह संदेश देते हैं कि जीवन में सच्ची प्रगति और सुख तभी संभव है जब हम —

एकता से चलें

मिलकर बोलें

समान विचार रखें

सामूहिक चेतना और सहयोग से जीवन यापन करें।

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