क्त्वा/ ल्यप् प्रत्यय: (katva/Layap Prattya) - Vyakaran क्त्वा (त्वा) - कर। यथा- गत्वा- जाकर ल्यप् (य) - कर । यथा- आगत्य - आकर इदानीम् वयं क्त्वा ल्यप् च प्रत्ययोः प्रयोगं कृत्वा भुतकालिक वाक्यरचनाः कुर्मः। यदा वयं एकां क्रियां कृत्वा अन्यामपि क्रियां कुर्मः तदा प्रथमायां क्रियायां क्त्वा प्रत्ययस्य प्रयोगःभवति। अब हम "क्त्वा" और "ल्यप" प्रत्यय का प्रयोग कर भूतकाल में वाक्य रचना करेंगे। जब हम एक क्रिया को करके दूसरी क्रिया करते हैं तो प्रथम क्रिया में "क्त्वा" प्रत्यय का प्रयोग होता है। Here we will make use of KATVA and LAYAP Pratyaa in Bhootkaal ( Past Tense ) and try to make sentenses. When we do kriya ( act of doing something ) at that time karm of that kriyaa would come under Pratham Kriyaa. गत्वा (गम+क्त्वा) = जाकर = after going खादित्वा= खाकर = after eating पीत्वा = पीकर = after drinking हसित्वा = हँसकर = after laughing भूत्वा = होकर = after happening पठित्वा =पढकर = after reading लिखित्वा=लिखकर = after writing स्थित्वा = ब