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Showing posts from October, 2020

क्त्वा/ ल्यप् प्रत्यय: (katva/Layap Prattya)

   क्त्वा/ ल्यप्  प्रत्यय:  (katva/Layap Prattya) - Vyakaran  क्त्वा (त्वा) - कर।       यथा- गत्वा- जाकर ल्यप् (य) - कर ।       यथा-  आगत्य - आकर  इदानीम् वयं क्त्वा ल्यप् च प्रत्ययोः प्रयोगं कृत्वा भुतकालिक वाक्यरचनाः कुर्मः।  यदा वयं एकां क्रियां कृत्वा अन्यामपि क्रियां कुर्मः तदा प्रथमायां क्रियायां क्त्वा प्रत्ययस्य प्रयोगःभवति। अब हम "क्त्वा" और "ल्यप"  प्रत्यय का प्रयोग कर भूतकाल में वाक्य रचना करेंगे।  जब हम एक क्रिया को करके दूसरी क्रिया करते हैं तो प्रथम क्रिया में "क्त्वा"  प्रत्यय का प्रयोग होता है।  Here we will make use of KATVA and LAYAP Pratyaa in Bhootkaal ( Past Tense ) and try to make sentenses. When we do kriya ( act of doing something ) at that time karm of that kriyaa would come under Pratham Kriyaa. गत्वा (गम+क्त्वा) = जाकर = after going  खादित्वा= खाकर = after eating पीत्वा = पीकर = after drinking हसित्वा = हँसकर = after laughing भूत्वा = होकर = after happening पठित्वा =पढकर = after reading लिखित्वा=लिखकर = after writing स्थित्वा = ब

6.9.1 कक्षा- षष्ठी, विषय:- संस्कृतम्, नवमः पाठ: ( क्रीडास्पर्धा) Class-6th, Subject-Sanskrit, Lesson- 9 (KridaSpardha)

    6.9.1   कक्षा- षष्ठी, विषय:- संस्कृतम्,  नवमः पाठ:  ( क्रीडास्पर्धा)  Class-6th,  Subject-Sanskrit,  Lesson- 9 (KridaSpardha)         ************************************  नमो नमः।  षष्ठकक्ष्यायाः रुचिरा भाग-1 इति पाठ्यपुस्तकस्य शिक्षणे स्वागतम् ।  अधुना वयं नवम-पाठं पठामः ।   पाठस्य नाम अस्ति                     क्रीडास्पर्धा अहं डॉ. विपिन:।         ************************************   नवमः पाठ:    क्रीडास्पर्धा  ( खेल की प्रतियोगिता)   (1) हुमा - यूयं कुत्र गच्छथ ? सरलार्थ-  हुमा- तुम सब कहां जा रहे हो ?   इन्दरः - वयं विद्यालयं गच्छामः। इंदर- हम सब विद्यालय जा रहे हैं।   फेकनः - तत्र क्रीडास्पर्धाः सन्ति। वयं खेलिष्यामः। फेकन- वहां खेल की प्रतियोगिताएं हैं। हम सब खेलेंगे।   रामचरणः- कि स्पर्धाः केवलं बालकेभ्यः एव सन्ति ?  रामचरण- क्या प्रतियोगिताएं केवल बालकों के लिए ही है ?   (2) प्रसन्ना - नहि , बालिकाः अपि खेलिष्यन्ति। सरलार्थ-  प्रसन्ना- नहीं लड़कियां भी खेलेंगी।   रामचरणः- कि यूयं सर्वे एकस्मिन् दले स्थ ? अथवा पृथक्-पृथक् दले ? रामचरण- क्या तुम सब

6.9.2 कक्षा- षष्ठी, विषय:- संस्कृतम्, नवमः पाठ: ( क्रीडास्पर्धा) Class-6th, Subject-Sanskrit, Lesson- 9 (KridaSpardha)

    6.9.2   कक्षा- षष्ठी, विषय:- संस्कृतम्,  नवमः पाठ:  ( क्रीडास्पर्धा)  Class-6th,  Subject-Sanskrit,  Lesson- 9 (KridaSpardha)         ************************************  नमो नमः।  षष्ठकक्ष्यायाः रुचिरा भाग-1 इति पाठ्यपुस्तकस्य शिक्षणे स्वागतम् ।  अधुना वयं नवम-पाठस्य अभ्यास कार्यं कुर्मः ।   पाठस्य नाम अस्ति                     क्रीडास्पर्धा अहं डॉ. विपिन:।         ************************************   नवमः पाठ:    क्रीडास्पर्धा 1- उच्चारणं कुरुत-    एकवचन                                                  द्विवचन                                             बहुबचन                                              अस्मद् शब्द (मैं)   अहम् (मैं)                     आवाम् (हम दोनों)                वयम् (हम सब)   माम् (मुझे, मुझ को)         आवाम् (हम दोनों को)            अस्मान् (हम सब को)   मम (मेरा, -री,-रे)         आवयोः (हम दोनों का)            अस्माकम् (हम सब का)                                                              युष्मद् शब्द (तुम)  त्वम् (तुम)              

7.9.1 कक्षा- सप्तमी, विषय:- संस्कृतम् नवमः पाठः (अहमपि विद्यालय गमिष्यामि) अभ्यासः Class- 7th, Subject- Sanskrit, Lesson- 9 (Ahamapi Vidyalayam Gamishayaami) - Abhyaas

                                                      7.9.1 कक्षा- सप्तमी,  विषय:- संस्कृतम्   नवमः पाठः (अहमपि विद्यालय गमिष्यामि)  Class- 7th,  Subject- Sanskrit,  Lesson- 9  (Ahamapi Vidyalayam Gamishayaami)         ************************************ नमो नमः।  सप्तमीकक्ष्यायाः रुचिरा भाग-2 इति पाठ्यपुस्तकस्य शिक्षणे स्वागतम्।  अद्य वयं नवम-पाठस्य अभ्यासकार्यं कुर्म: ।   पाठस्य नाम अस्ति -                              अहमपि विद्यालय गमिष्ययामि ।  अहं डॉ. विपिन:।         ************************************    नवमः पाठः ( अहमपि विद्यालय गमिष्ययामि )  (1) मालिनी - (प्रतिवेशिनीं प्रति) गिरिजे! मम पुत्रः मातुलगृहं प्रति प्रस्थितः काचिद् अन्यां कामपि महिला कार्यार्थं जानासि तर्हि प्रेषय।   सरलार्थ-  मालिनी - (पड़ोसन से) हे गिरजा! मेरा पुत्र मामा के घर गया है। कोई दूसरी (कामवाली) महिला को काम के लिए जानती हो तो भेजो। गिरिजा - आम् सखि! अद्य प्रातः एव मम सहायिका स्वसुतायाः कृते कर्मार्थं पृच्छति स्म। श्वः प्रातः एव तया सह वार्तां करिष्यामि।   गिरिजा- हां सहेली! आज सुबह ही मेरी कामव