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Showing posts from May, 2023

संस्कृत-भाषायां वार्तालाप: Conversation in sanskrit

  संस्कृत-भाषायां वार्तालाप:  Conversation in sanskrit 1. नमोनमः  नमस्कार। 2. भवतः नाम किम्? आपका क्या नाम है? 3. मम नाम ......। मेरा नाम .... है। 4. भवान् कथं अस्ति? आप कैसे हो? 5. अहं कुशल: अस्मि।  मैं अच्छा हूॅं। 6. भवान् कुत्र पठति? आप कहां पढ़ते हो? 7. अहं केंद्रीय विद्यालय (जतोग छावनी) विद्यालये पठामि। मैं केंद्रीय विद्यालय (जतोग छावनी) में पढ़ता हूॅं।  8. भवान् कस्मिन् कक्षायां पठति? आप कौनसी कक्षा में पढ़ते हो? 9. अहं  षष्ठी कक्षायां पठामि। मैं छठी कक्षा में पढ़ता हूॅं। 10. भवान् कुत्र गच्छति? आप कहां जा रहे हो? 11. अहं विद्यालये गच्छामि। मैं विद्यालय जा रहा हूं। 12. धन्यवाद:। धन्यवाद। 13. पुनः मिलामः । फिर मिलते हैं।

प्रतियोगिता हेतु संस्कृत/ हिंदी में परिचय/ प्रस्तावना/ भूमिका (श्लोक/ भाषण) Introduction for Compititions in sanskrit/ Hindi (shalok / bhashan)

  प्रतियोगिता हेतु संस्कृत/ हिंदी में परिचय/ प्रस्तावना/ भूमिका (श्लोक/ भाषण)  Introduction for Compititions in sanskrit/ Hindi (shalok / bhashan) परम आदरणीयः अध्यक्ष (प्राचार्य) महोदयः, नीर-क्षीर-विवेकिनः निर्णायकाः,  सम्माननिया: शिक्षकाः, तथा च समुपस्थिताः प्रतिभागिन:/ श्रोतागण: । सर्वेभ्यो नमो नमः   मम नाम .......... अहं (केंद्रीय) विद्यालयस्य ........... षष्ठी/सप्तमी/अष्टमी/नवमी/दशमी कक्षायां पठामि ।  श्लोक /Shalok-  अद्य अहं भवतां समक्षे केचन् संस्कृत-श्लोकान् प्रस्तुतं करोमि। भाषण / Speech-  अद्य अहं भवतां समक्षे................ इति विषये स्वविचारान् वक्तुं इच्छामि।  - -------------- हिंदी   --------------- परम आदरणीय अध्यक्ष (प्राचार्य) महोदय, नीर क्षीर विवेकी निर्णायकगण, आदरणीय शिक्षक वृन्द, तथा मेरे प्रबुद्ध साथीयों/ श्रोतागण  आप सभी को मेरा सादर नमस्कार मेरा नाम ...... है, मैं केंद्रीय विद्यालय ....... की छठी/ सातवीं/ आठवीं/ नवमी/ दशमी/ ग्यारहवीं/बारहवीं कक्षा का विद्यार्थी हूं। आज मैं आपके समक्ष कुछ श्लोक/ कविता/ गीत लेकर उपस्थित हुआ हूॅं।   ------ भाषण / Speech आज म

8.13.1 कक्षा -अष्टमी, विषय:- संस्कृतम्, त्रयोदशः पाठः- क्षितौ राजते भारतस्वर्णभूमिः Class- 8th (VIII), Subject- Sanskrit, Lesson- 13 (Shitau Rajte Bharat Swarn BhoomiH)- Arth

  8.13.1 कक्षा -अष्टमी, विषय:- संस्कृतम्,  त्रयोदशः पाठः- क्षितौ राजते भारतस्वर्णभूमिः Class- 8th (VIII),  Subject- Sanskrit,  Lesson- 13  (Shitau Rajte Bharat Swarn BhoomiH)- Arth        ************************************  नमो नमः।  अष्टमकक्ष्यायाः रुचिरा भाग-3 इति पाठ्यपुस्तकस्य शिक्षणे स्वागतम् ।  अधुना वयं त्रयोदशः-पाठं पठामः।    पाठस्य नाम अस्ति-                             क्षितौ राजते भारतस्वर्णभूमिः   अहं डॉ. विपिन:।         ************************************   त्रयोदशः पाठः- क्षितौ राजते भारतस्वर्णभूमिः हिंदी-सरलार्थम्  हिंदी सरलार्थम् कक्षा- अष्टमी त्रयोदशः पाठः- क्षितौ राजते भारतस्वर्णभूमिः (1) सुपूर्णं सदैवास्ति खाद्यान्नभाण्डम् नदीनां जलं यत्र पीयूषतुल्यम्। इयं स्वर्णवद् भाति शस्यैर्धरेयं क्षितौ राजते भारतस्वर्णभूमिः॥ सरलार्थ:- जहाँ खाद्यान्नों का भंडार सदा ही भरा रहता है, जहाँ नदियों का जल अमृत के तुल्य है। यह धरती फसलों से सोने की तरह शोभा पाती है। यह भारत की स्वर्णभूमि धरती पर सुशोभित होती है।   शब्दार्थ:- सुपूर्णम्-भरा हुआ। सदैव-सदा ही। अस्ति-है। खाद्यान्नभाण्डम्

8.14.1 कक्षा -अष्टमी, विषय:- संस्कृतम्, चतुर्दशःपाठः - आर्यभटः Class- 8th (VIII), Subject- Sanskrit, Lesson- 13 (AaryabhatH)- Arth

  8.14.1 कक्षा -अष्टमी, विषय:- संस्कृतम्,  चतुर्दशःपाठः - आर्यभटः    Class- 8th (VIII),  Subject- Sanskrit,  Lesson- 14  (AaryabhatH)- Arth        ************************************  नमो नमः।  अष्टमकक्ष्यायाः रुचिरा भाग-3 इति पाठ्यपुस्तकस्य शिक्षणे स्वागतम् ।  अधुना वयं चतुर्दशः-पाठं पठामः।    पाठस्य नाम अस्ति-                               आर्यभटः  अहं डॉ. विपिन:।         ************************************   चतुर्दशःपाठः - आर्यभटः  हिंदी-सरलार्थम् हिंदी सरलार्थम् कक्षा- अष्टमी चतुर्दशःपाठः - आर्यभटः  आर्यभट-परिचय: (1) पूर्वदिशायाम् उदेति सूर्यः पश्चिमदिशायां च अस्तं गच्छति इति दृश्यते हि लोके।  परं न अनेन अवबोध्यमस्ति यत्सूर्यो गतिशील इति।  सूर्योऽचलः पृथिवी च चला या स्वकीये अक्षे घूर्णति इति साम्प्रतं सुस्थापितः सिद्धान्तः। सिद्धान्तोऽयं प्राथम्येन येन प्रवर्तितः, स आसीत् महान् गणितज्ञः ज्योतिर्विच्च आर्यभटः।  सरलार्थ:-  संसार में यह दिखाई देता है कि सूर्य पूर्व दिशा में उदय होता है और पश्चिम दिशा में अस्त होता है परन्तु इससे यह नहीं जाना जाता है कि सूर्य गतिशील है। सूर्य अचल ह

8.12.1 कक्षा -अष्टमी, विषय:-संस्कृतम्, द्वादशः पाठः- कः रक्षति कः रक्षितः Class- 8th (VIII), Subject- Sanskrit, Lesson- 12 (Kaha Rakshti Kaha Rakshitah)- Arth

  8.12.1 कक्षा -अष्टमी, विषय:- संस्कृतम्,  द्वादशः पाठः- कः रक्षति कः रक्षितः  Class- 8th (VIII),  Subject- Sanskrit,  Lesson- 12  (Kaha Rakshti Kaha Rakshitah)- Arth        ************************************  नमो नमः।  अष्टमकक्ष्यायाः रुचिरा भाग-3 इति पाठ्यपुस्तकस्य शिक्षणे स्वागतम् ।  अधुना वयं एकादश-पाठं पठामः।    पाठस्य नाम अस्ति-                                कः रक्षति कः रक्षितः अहं डॉ. विपिन:।         ************************************  द्वादशः पाठः- कः रक्षति कः रक्षितः  हिंदी-सरलार्थम् (1 ) (ग्रीष्मर्तौ सायंकाले विद्युदभावे प्रचण्डोष्मणा पीडितः वैभवः गृहात् निष्क्रामति) (ग्रीष्म ऋतु में शाम को बिजली के न रहने पर भयानक गर्मी से दु:खी वैभव घर से निकलता है।) वैभवः – अरे परमिन्दर्! अपि त्वमपि विद्युदभावेन पीडितः बहिरागत: ? वैभव – अरे परमिन्दर्! क्या तुम भी बिजली के अभाव से परेशान बाहर आए हो ? (2) परमिन्दर् – आम् मित्र! एकत: प्रचण्डातपकाल: अन्यतश्च विद्युदभावः परं बहिरागत्यापि पश्यामि यत् वायुवेगः तु सर्वथाऽवरुद्धः। परमिन्दर् – हाँ मित्र! एक ओर से भयानक गर्मी का समय है और दू