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अभिवादन के लिए उत्तम शब्द *🙏 नमस्ते* Best word for greetings is “Namestey”

                 अभिवादन के लिए उत्तम शब्द
                   *----" 🙏 नमस्ते "---*
      Best word for greetings is “Namestey”


                    🌹🌷 *ओ३म्* 🌷🌹
                   =================
      यजुर्वेद का सोलहवें अध्याय का पहला ही मन्त्र  *नमस्ते रुद्रमन्वय--।।* से प्रारम्भ होता है। तो जब ईश्वर को नमस्ते कहते हैं, तो फिर उससे बड़ा कौन है ? इसलिए अभिवादन *नमस्ते* श्रेष्ठ है ।
The first mantra of the ‘XVIth Chapter’ of the “Yajurveda” starts with “Namastey Rudramanvay”. When we bow down to God with the word “Namestey”, the same ought to be the ultimate, and as such “Namestey”is the best Greetings!

      “नमस्ते” शब्द संस्कृत भाषा का है। 
      इसमें दो पद हैं – नम:+ते ।  ( ":" को "स्" ) 
      
      इसका अर्थ है कि ‘आपका मान करता हूँ।’ संस्कृत व्याकरण के नियमानुसार “नम:”  का साधारण अर्थ सत्कार = सम्मान प्रणाम होता है। अभिवादन के लिए आदरसूचक शब्दों में “नमस्ते "  शब्द का प्रयोग ही उचित तथा उत्तम है।
 नम: शब्द के अनेक शुभ अर्थ हैं। जैसे - दूसरे व्यक्ति या पदार्थ को अपने अनुकूल बनाना, पालन पोषण करना, अन्न देना, जल देना,  वाणी से बोलना, और दण्ड देना आदि।  नमस्ते namaste शब्द वेदोक्त है। वेदादि सत्य शास्त्रों और आर्य इतिहास (रामायण, महाभारत आदि) में ‘नमस्ते’ शब्द का ही प्रयोग सर्वत्र पाया जाता है। 
सब शास्त्रों में ईश्वरोक्त होने के कारण वेद का ही परम प्रमाण है, अत: हम परम प्रमाण वेद  से ही मन्त्रांश नीचे देते है :-
The word "Namaste" is from the Sanskrit language. It has two verses - Nam: + Te. It means 'I respect you.' According to Sanskrit grammar rules, "Nam:" is the usual meaning of respect. The use of the word "Namastey" in respectful words for salutation is appropriate and good.

Nam: The word has many auspicious meanings. Such as - making another person or substance favorable to you, nurturing, giving food, water, speaking with speech, and punishing etc. The word namastey is Vedokta. The use of the word 'Namastey' is found everywhere in the Vedadi Satya Shastras and Aryan History (Ramayana, Mahabharata etc.).
In all the scriptures, Vedas are the ultimate proof because of being divine, therefore we give the following proof from the Veda itself.
“Namestey”

नमस्ते namaste

     परमेश्वर के लिए For  god In the name of God 
1 .  नमस्ते रुद्रमन्वय उतोत ईशवे नमः ।। (यजुर्वेद 16/1)/ रुद्राध्यायी।।
   हे प्रकाशस्वरूप देव प्रभो! आपको नमस्ते होवे।

1. Namaste Rudramnvaye Utot Ishway Namah!! (Yajurveda 16/1) / Rudradhyayi.
   O manifested God, we bow down to you with “Namestey”!!

1. - दिव्य देव नमस्ते अस्तु॥ – अथर्व० 2/2/1
Divine God Namaste Astu!!

2. - विश्वकर्मन नमस्ते पाह्यस्मान्॥–अथर्व० 2/35/4
2. - Vishwakarman Namaste Pahyasman!! – 

3. - तस्मै ज्येष्ठाय ब्रह्मणे नम: ॥– अथर्व० 10/7/32

   सृष्टिपालक महाप्रभु ब्रह्म परमेश्वर के लिए हम नमन=भक्ति करते है।
3. - Tasmai Jyeshthay Brahmane Namah!! Atharva Ved 0/10/7/32  We do namana = devotion to the great Mahaprabhu Brahma Parmeshwar.

4. - नमस्ते भगवन्नस्तु ॥  – यजु० 36/21

   हे ऐश्वर्यसम्पन्न ईश्वर ! आपको हमारा नमस्ते होवे।
4. - Namaste Bhagavanastu - YJU 36/21

O Promising God! “Namestey” to you !!

         बड़े के लिए For elderly :

1. -  नमस्ते राजन् ॥ – अथर्व० 1/10/2
   हे राष्ट्रपते ! आपको हम नमस्ते करते हैं। 
1. - Namastey Rajan!! - Atharva  1/10/2 O Head of State! “Namestey”  to you !!

2. -  तस्मै यमाय नमो अस्तु मृत्यवे ॥  – अथर्व० 6/28/3

   पापियों के लिए मृत्युस्वरूप दण्डदाता न्यायाधीश के लिए नमस्ते हो।
2. - Tasmai yamay namo astu mrityave!! - Atharva 0 6/28/3 

For the sinners, the death bearers shall be hello to the judge

3. - नमस्ते अधिवाकाय ॥   – अथर्व० 6/13/2

   उपदेशक और अध्यापक के लिए नमस्ते हो।
For the Preachers and teachers we bow down with “Namestey”!!   

    देवी (स्त्री) के लिए For goddess (woman)

1. - नमोsस्तु देवी ॥   – अथर्व० 1/13/4

   हे देवी ! माननीया महनीया माता आदि देवी ! तेरे लिए नमस्ते हो।
1. - Namo Stu Devi!! - Atharva 0 1/13/4
   O Goddess! Honorable Mother Goddess Adi Devi!!  “Namestey”!!

2 -  नमो नमस्कृताभ्य: ॥   – अथर्व० 11/2/31

   पूज्य देवियों के लिए नमस्ते।
2 - Namo Namaskarbhaya!! - Atharva 0 11/2/31

   Greetings to the revered ladies, irrespective of order, “

  बड़े, छोटे बराबर सब को Namestey” to all..

1-  नमो महदभ्यो नमो अर्भकेभ्यो नमो युवभ्य: ॥     – ऋग० 1/27/13.
   बड़ों बच्चों जवानों सबको नमस्ते ।
1- Namo Mahdbhyo Namo Arbhakabhyo Namo Yuvabhya!! - Rig 0 1/27/13.

   “Namestey”  to the adolescents and children!!


2 -  नमो ह्रस्वाय नमो बृहते वर्षीयसे च नम: ॥      – यजु० 16/30.

   छोटे, बड़े और वृद्ध को नमस्ते ।
2 - Namo Hraswai Namo Brihate Varshki Se Ch Namke!! - 16/30.

  “Namestey”  to the kids, to the elderly and to the old!

3 - नमो ज्येष्ठाय च कनिष्ठाय च नम: ॥          – यजु० 16/32

   सबसे बड़े और सबसे छोटे के लिए नमस्ते।
3 - Namo Jyeshthay Ch Kanishay Ch Nam!!- Yaju 16/32

“Namestey”to the eldest as well as to the youngest!

👉
 यही है नमस्ते की परम्परा। Tradition of “Namestey”  is thus!

इसलिए जब भी आप एक दूसरे का अभिवादन करना चाहें, तो ऋषियों के अनुसार चार कार्य करने चाहिए।:-- 
 *पहला - सिर झुकाना।*
*दूसरा - हाथ जोड़ना।*
 *तीसरा - मुंह से  *नमस्ते  बोलना।*
और *चौथा -  बड़ों का पांव छूना।*
Therefore whenever you want to greet each other, according to the sages, four tasks should be done.
 First - Bowing the head.
Second - folding the hand.
 Third – Saying/uttering “Namestey”!!
And fourth - touching the feet of the elders!!

यदि सामने वाला व्यक्ति आप से बड़ा नहीं है, धन में, बल में, विद्या में, बुद्धि में, अनुभव में, किसी भी चीज में बड़ा नहीं है, बराबर का है, अथवा छोटा है, तो आप 4 में से चौथी क्रिया (पांव छूने वाली क्रिया) छोड़ सकते हैं। बाकी तीन क्रियाएं तो करनी ही चाहिए।  तभी दूसरे का सम्मान ठीक प्रकार से हुआ, ऐसा माना जाता है।
सबको हमारा *नमस्ते*
If the person in front of you is not higher in status, wealth, wisdom, intellect, experience, even can’t be compared in anything whether equal or small, then fourth action can be opted out. The remaining three actions must be performed. Only then is it properly believed that the other is respected. “Namestey”to all.
                                  🙏 

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